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दिल्ली में यूपीएससी समेत अन्य परीक्षाओं की तैयारी करने का हर छात्र का सपना होता है। हर साल हजारों युवा मुखर्जी नगर, ओल्ड राजेंद्र नगर, करोलबाग और इसके आसपास के इलाके में भविष्य को उज्ज्वल करने का सपना लेकर आते हैं। 27 जुलाई की रात ओल्ड राजेंद्र नगर में हुए हादसे के बाद परिस्थितियां बदल गई हैं। कोचिंग बंद होने से छात्रों के हालात और बिगड़ गए हैं।
ओल्ड राजेंद्र नगर में बेसमेंट में चल रहे कोचिंग में बारिश का पानी भरने से तीन छात्रों की मौत हो गई थी। इसके बाद दिल्ली नगर निगम ने छात्रों की जान से खिलवाड़ करने वाले संचालकों पर शिकंजा कस दिया। बेसमेंट में अवैध रूप से चल रहे कोचिंग संस्थानों और लाइब्रेरी को सील कर दिया है।
संचालकों की लापरवाही का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है, क्योंकि बेसमेंट में चल रही लाइब्रेरी अब पहली या ऊपरी मंजिल पर शिफ्ट हो गई है और संचालकों ने कई गुना फीस बढ़ा दी है। वहीं, कुछ संस्थानों ने इन इलाकों से बाहर कक्षाओं का संचालन शुरू कर दिया है। कई संस्थानों को नोएडा, नरेला, परमानंद और नेताजी सुभाष प्लेस ले जाने की तैयारी है। इन कारणों से छात्रों पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है और पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
राजेंद्र नगर कोचिंग सेंटर के बेसमेंट का व्यावसायिक इस्तेमाल किया : सीबीआई
लाइब्रेरी की फीस दोगुना से ज्यादा बढ़ी
ओल्ड राजेंद्र नगर : हादसे के बाद यहां कई बेसमेंट को सील कर दिया गया है। इस वजह से कई लाइब्रेरी पहली से तीसरी मंजिल पर खोली गई हैं। छात्रों के अनुसार, पहले बेसमेंट में लाइब्रेरी संचालित की जा रही थीं, तब एक माह की फीस प्रति छात्र को दो हजार रुपये तक देनी होती थी, लेकिन अब 4500 से पांच हजार रुपये तक बढ़ा दी गई है। कुछ कोचिंग सेंटरों की तरफ से दूसरे स्थान पर शिफ्ट होने के लिए भी फैसले लेने की संभावना है। इसे लेकर इन कोचिंग सेंटरों के प्रबंधन के सदस्य बैठक कर चर्चा कर रहे हैं।
सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थी संदीप ने बताया कि लाइब्रेरी में प्रति माह पढ़ने की फीस बहुत ज्यादा बढ़ा दी गई है। अभ्यर्थियों पर पहले से ही कमरे के बहुत ज्यादा किराये का बोझ है। फीस बढ़ोतरी का फैसला गलत है। लाइब्रेरियों का संचालन करने वाले प्रतिनिधियों की ओर से कहा गया है कि संपत्ति के मालिकों ने लाइब्रेरी के स्थान का किराया प्रति माह तीन लाख रुपये तक कर दिया है, इसलिए फीस बढ़ाई गई है।
अब तो खर्च चलाना भी मुश्किल हुआ
हडसन लेन : कई साल से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रही वर्षा ने बताया कि वह हडसन लेन की एक लाइब्रेरी में पढ़ाई कर रही थी, लेकिन लाइब्रेरी बंद होने के कारण उनको मुखर्जी नगर पढ़ने के लिए जाना पड़ा। अब मुखर्जी नगर में भी पुस्तकालय बंद हैं।
पहले हडसन लेन रहती थी, वहां लाइब्रेरी सील हो गई। उसके बाद किराया और लाइब्रेरी की अधिक फीस देकर मुखर्जी नगर पढ़ने जाने लगी। अब वहां भी लाइब्रेरी सील हो गई है। ऐसे में अब मेरे पास घर से पढ़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। आर्थिक बोझ इतना ज्यादा बढ़ गया है कि खर्च चलाना मुश्किल हो जाता है।
केवल एक कक्षा का ही संचालन
जीटीबी नगर : एक प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थान में पढ़ने वाले आयुष राज बिहार के जहानाबाद के रहने वाले हैं। वह यहां एसएससी की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इलाके में एमसीडी का खौफ है, इसलिए हमारे यहां कोचिंग की एक कक्षा चल रही है। पहले एक नीचे और एक ऊपर दो क्लास चलती थी, लेकिन अब ऊपरी मंजिल पर बस एक क्लास चलती है।
उनका कहना है कि लाइब्रेरी में पढ़ना भी काफी मुश्किल हो गया है। यहां लाइब्रेरी को अंदर से बंद करके पढ़ना पड़ता है। लाइब्रेरी संचालक का कहना है कि एमसीडी वालों को पता न चले, इसलिए कोई भी बाहर न निकले।
निगम का दावा- 140 प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई की
निगम के अधिकारियों ने कहा कि भवन निर्माण के नियमों का उल्लघंन करने वालों व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रहे हैं। कई कोचिंग सेंटरों और इनके बेसमेंट, लाइब्रेरियों को सील किया गया है। अब तक लगभग 140 कोचिंग सेंटरों, लाइब्रेरियों पर कार्रवाई की है। व्यावसायिक गतिविधियों का बहुमंजिला इमारतों में संचालित करने वाले लोगों को नियमों की अनदेखी करने पर नोटिस भी दिए गए हैं। निगम की टीमें सभी जोन में निगरानी कर रही हैं।
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