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झारखंड में उत्पाद सिपाही की भर्ती के लिए आयोजित दौड़ में 10 दिनों के दौरान अलग-अलग केंद्रों पर शनिवार तक आठ अभ्यर्थियों की मौत हो चुकी है। वहीं सैकड़ों अभ्यर्थी बेहोश हो चुके हैं। शनिवार को भी हजारीबाग के पदमा सेंटर में 26 साल के सूरज वर्मा की मौत हो गई। सूरज गिरिडीह जिले के मणिकबाद गांव का रहने वाला था।
डॉक्टरों ने क्या बताया
22 अगस्त से जारी इस दौड़ में लगातार हो रही मौत का मामला तूल पकड़ते जा रहा है। नियुक्ति प्रक्रिया के समय और अभ्यर्थियों की मौत पर विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। जानकारों की मानें तो झारखंड में किसी भी शारीरिक परीक्षा में इस तरह का मामला पहले नहीं आया है। युवाओं की लगातार हो रही मौत को लेकर डॉक्टरों का कहना है कि जो युवक नियमित प्रैक्टिस नहीं कर रहे हैं, उन्हें ध्यान रखना होगा कि अचानक 10 किमी की दौड़ में हिस्सा ना लें।
सोरेन सरकार नौकरी बांट रही या मौत: भाजपा
इधर, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पूछा है कि वे नौकरी बांट रहे हैं या मौत। सरकार द्वारा आपाधापी में भादो की उमस भरी गर्मी में दौड़ कराने से ही आठ बेरोजगार मौत के मुंह में समा गए। सरकार मृतकों के परिजनों को मुआवजा-नौकरी दे।
हजारीबाग के पदमा सेंटर पर दूसरी मौत
हजारीबाग के पदमा सेंटर में दौड़ के दौरान शनिवार को 26 साल के सूरज वर्मा की मौत हो गई। सूरज गिरिडीह जिले के मणिकबाद गांव का रहने वाला था। सुबह सात बजे उसने जैसे ही तेजी से दौड़ना शुरू किया। उसकी सांसें उखड़ने लगीं और वह जमीन पर गिर पड़ा। मुंह से झाग आने लगा। उसे आनन-फानन में हजारीबाग मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। जहां उसने दम तोड़ दिया। इससे पहले इसी सेंटर पर 23 अगस्त को मांडू के बलसगरा निवासी महेश प्रसाद मेहता की भी मौत हो गई थी। उधर, राज्य के कई सेंटरों से शनिवार को भी युवकों के बेहोश होने की सूचना है।
मौत का अबतक का आंकड़ा
● 22 अगस्त : पिंटू कुमार, गिरिडीह निवासी, ये जमशेदपुर मुसाबनी कांस्टेबल ट्रेनिंग सेंटर में दौड़े थे
● 23 अगस्त : महेश प्रसाद मेहता, मांडू के बलसगरा निवासी, ये हजारीबाग के पदमा सेंटर में दौड़े
● 29 अगस्त : अमरेश कुमार यादव, गया के बडैला गांव निवासी, ये मेदिनीनगर सेंटर में दौडे थे
● 30 अगस्त – मेदिनीनगर सेंटर : अजय कुमार महतो, रांची के ओरमांझी प्रखंड के जीराबार गांव निवासी, अरुण कुमार, पलामू में छतरपुर के कव्वल गांव के निवासी, प्रदीप कुमार, गोड्डा के रूंजी निवासी मेदिनीनगर में दौड़े थे
गिरिडीह सेंटर : सुमित यादव, गोड्डा के केरवार गांव निवासी
● 31 अगस्त: पदमा (हजारीबाग ) सेंटर : सूरज वर्मा, गिरिडीह के मणिकबाद गांव निवासी
शारीरिक परीक्षा की पुरानी नीति पर विचार
झारखंड उत्पाद सिपाही की नियुक्ति में अभ्यर्थियों की मौत के बाद शारीरिक दक्षता परीक्षा की नीति बदलने का प्रस्ताव है। राज्य पुलिस मुख्यालय ने दस किलोमीटर की दौड़ के नियम को बदलने का प्रस्ताव बनाया है। इसे जल्द ही राज्य सरकार को भेजा जाएगा। नई नियुक्तियां शारीरिक दक्षता के बदले नियमों के आधार पर ही होंगी।
वर्तमान में झारखंड पुलिस व उत्पाद सिपाही के लिए 10 किमी की दौड़ करायी जाती है। पूर्व में शारीरिक परीक्षा में 1600 मीटर की दौड़ छह मिनट में लगानी होती थी, इसके बाद लंबी व ऊंची कूद की परीक्षा होती थी। इसके आधार पर मेरिट लिस्ट बनती थी। लेकिन साल 2016 में नीति बदल कर 10 किमी की दौड़ एक घंटे में पूरे करने का नियम बना। इसमें पास युवाओं के लिए लिखित परीक्षा का नियम भी बना। पुलिस मुख्यालय ने अब पूर्व की भांति 1600 मीटर की दौड़ छह मिनट में पूरी करने, लंबी व ऊंची कूद को शारीरिक परीक्षा में शामिल करने का नियम लागू करने का प्रस्ताव दिया है।
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