[ad_1]
विधायक सरयू राय की मुश्किलें बढ़ गई हैं। एमपी-एमएलए के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी सार्थक शर्मा की अदालत ने आपराधिक साजिश रचकर स्वास्थ्य, चिकित्सा, शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग से संचिका के पन्नों की चोरी करने के आरोप में राय पर संज्ञान लिया है। मामले में उपस्थिति के लिए समन जारी किया गया है। अगली सुनवाई 13 सितंबर को होगी।
कोर्ट ने भेजा समन
सरयू के खिलाफ विभाग के अवर सचिव विजय वर्मा ने 2022 में डोरंडा थाने में भादवि की पांच और गोपनीय दस्तावेज लीक करने की तीन धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। मामले में जांच पूरी करते हुए अनुसंधान पदाधिकारी सह सब-इंस्पेक्टर नागेश श्रीवास्तव ने दो साल तीन महीने बाद अपराध को सही पाते हुए बीते 22 अगस्त को अदालत में भादवि की धारा 120बी एवं गोपनीय दस्तावेज लीक की धारा 30 (2) के तहत चार्जशीट दाखिल की थी।
चार्जशीट में छह गवाहों के नाम
चार्जशीट में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के आप्त सचिव आसिफ एकराम समेत छह गवाहों का नाम है। इसी दाखिल चार्जशीट पर एमपी-एमएलए कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए आरोपी के खिलाफ समन जारी किया है। बता दें कि सरयू राय ने इसी दस्तावेज को हासिल करने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीडिया को कोरोनाकाल में हुई राशि के उपयोग की जानकारी दी थी।
यह भा जानिए: एफआईआर कोर्ट नहीं भेजने पर भाजपा की आपत्ति
युवा आक्रोश रैली को लेकर दर्ज एफआईआर को कोर्ट में नहीं भेजे जाने पर भाजपा ने आपत्ति जतायी है। भाजपा विधि प्रकोष्ठ के संयोजक सुधीर श्रीवास्तव ने इस संबंध में डीजीपी को ज्ञापन सौंपा है। सुधीर श्रीवास्तव ने डीजीपी से मांग की है कि भाजपा के 52 नेताओं पर नामजद और 12000 अज्ञात को आरोपी बनाया गया है, इस मामले की निष्पक्षता से जांच की जाए। सुधीर श्रीवास्तव ने डीजीपी को बताया कि एफआईआर दर्ज होने के 24 घंटे के भीतर इसे संबंधित मजिस्ट्रेट को भेजा जाना चाहिए था। लेकिन, पुलिस ने नियम का पालन नहीं किया।
[ad_2]
Source link