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दिल्ली पुलिस ने झारखंड, राजस्थान और उत्तर प्रदेश एटीएस के साथ मिलकर देश में एक बड़े आतंकी नेटवर्क का खुलासा किया है। ‘अलकायदा इन इंडियन सब कॉन्टिनेंट’ नाम के इस मॉड्यूल के तहत तीन राज्यों से अब तक कुल 14 लोगों को हिरासत में लिया गया है। इन सबका सरगना रांची के एक डॉक्टर को बताया गया है, जो भारत में इस्लामिक राज्य की घोषणा का मंसूबा पाले बैठा था।
रांची के बरियातू जोड़ा तालाब के पास एक अपार्टमेंट में गुरुवार को एटीएस ने अचानक छापा मारा। यहां रहे वाले डॉक्टर इश्तियाक अहमद को गिरफ्तार कर लिया गया। एटीएस की गिरफ्त में आया डॉ इश्तियाक अहमद रांची के मेडिका हॉस्पिटल में रेडियोलॉजिस्ट के पद पर कार्यरत था। वह मूलरूप से जमशेदपुर का रहने वाला है।
रांची के मेडिका अस्पताल में वह पिछले छह साल से काम कर रहा था। इसमें उसने तीन साल तक फुल टाइमर के रूप में अपनी सेवाएं दी हैं। डॉ. इश्तियाक का हजारीबाग जिले में भी अपना क्लीनिक है। रांची के जोड़ा तालाब स्थित एके रेसिडेंसी में फिलहाल रहता है। रांची के रिम्स से एमबीबीएस किया है।
पीटीआई के मुताबिक, दिल्ली पुलिस के एक बयान में कहा गया, ‘मॉड्यूल का नेतृत्व रांची (झारखंड) का डॉ. इश्तियाक नामक व्यक्ति कर रहा था तथा उसकी देश के भीतर ‘खिलाफत’ की घोषणा करने और गंभीर आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की मंशा थी।’
क्या है खिलाफत, जो चाहता था रांची का डॉक्टर
पैगंबर मुहम्मद साहब के बाद के उनके उत्तराधिकारी खलीफा कहलाते हैं। ऐसा व्यक्ति जो इस्लामिक धर्म के कानून के अनुसार लोगों का नेतृत्व करता है वह खलीफा कहलाता है और उसके शासन को ‘खिलाफत’ कहा जाता है। सबसे खूंखार आतंकी संगठन कहे जाने वाले आईएसआईएस ने 2014 में अपने प्रमुख अबु बक्र अल-बगदादी को ‘खलीफा’ घोषित किया था। वह इराक और सीरिया में पूर्ण इस्लामिक शासन लागू करना चाहता था। इसी तरह डॉक्टर इश्तियाक भी भारत में आतंकी हमलों के जरिए इस्लामिक शासन लागू करना चाहता था।
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