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haryana recruitment results postponed: हरियाणा में स्टाफ सिलेक्शन कमीशन और पब्लिक सर्विस कमीशन की भर्तियों के परिणामों पर रोक लगा दी गई है। भारतीय चुनाव आयोग ने आदर्श आचार संहिता के चलते यह फैसला लिया है। दरअसल, हरियाणा में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। हरियाणा की सभी 90 विधानसभा सीटों पर आगामी 1 अक्तूबर को मतदान होना है और 4 अक्तूबर को मतगणना की जाएगी। इस संबंध में कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी और मांग की थी चुनाव हो जाने तक भर्तियों के परिणामों पर रोक लगाई जाए।
5676 पदों पर भर्ती परिणाम रोके
हरियाणा पुलिस में कांस्टेबल के 5600 पदों और टीजीटी और पीटीआई के 76 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया पर चुनाव आयोग ने यह कार्रवाई की है। आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के संबंध में कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने शिकायत दी थी। शिकायत के बाद आयोग ने राज्य सरकार से इस मामले की विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी, जिसकी जांच के बाद राज्य सरकार द्वारा दिए गए तथ्यों का पता लगने पर आदर्श आचार संहिता का भर्ती प्रक्रिया में कोई उल्लंघन नहीं मिला है।
चुनाव आयोग ने पाया है कि भर्ती प्रक्रिया विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले शुरू की गई थी और चुनाव आचार संहिता के निर्देशों के तहत हुई है, जहां वैधानिक अधिकारी अपना काम जारी रख सकते हैं। लेकिन समान अवसर बनाए रखने के लिए और यह सुनिश्चित करने के लिए कि किसी को कोई अनुचित लाभ न मिले, आयोग ने निर्देश दिया है कि हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन और हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन के संबंधित अधिकारियों द्वारा इन भर्ती के परिणाम विधानसभा चुनाव के पूरा होने तक जारी नहीं किए जाएंगे।
आचार संहिता के बावजूद भरे जा सकते हैं पद
वहीं, हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पंकज अग्रवाल ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत में कहा था कि चुनाव आयोग द्वारा जारी नियमों के अनुसार जिन रिक्त पदों के लिए पहले से भर्ती चल रही हैं, उन्हें एचएसएससी और एचपीएससी चुनाव आचार संहिता के बावजूद भर सकती हैं। भर्ती के विज्ञापन भी निकाले जा सकते हैं। इस संबंध में कांग्रेस की शिकायत आई थी, जिसे जवाब भेज दिया गया है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने माना कि विधानसभा चुनावों की घोषणा के बाद हुई कैबिनेट बैठक में लिए फैसलों के बारे में अभी तक सरकार की ओर से उनके पास कोई सूचना नहीं पहुंची है। जहां तक आईएएस और एचसीएस सहित अन्य अधिकारियों के स्थानांतरण का मामला है तो चुनाव आयोग की मंजूरी के बाद ही सरकार ने यह तबादले किए हैं। इसके अलावा, आईपीएस अधिकारियों के तबादला आदेश चुनाव की घोषणा से पहले जारी किए हो चुके थे।
रिपोर्ट: मोनी देवी
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