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राजस्थान राज्य उपभोक्ता आयोग ने मर्सिडीज बेंज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कार कंपनी और उसके डीलर पर आठ लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। आयोग के न्यायिक सदस्य अतुल कुमार चटर्जी और रामफूल गुर्जर ने परिवादिया शैवाली पालीवाल के परिवाद पर सुनवाई करते हुए यह जुर
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आयोग ने परिवादिया द्वारा कंपनी को अदा की गई राशि पर 9 प्रतिशत ब्याज देने के भी निर्देश दिए हैं। वहीं अगर कंपनी आदेश के 2 माह के भीतर ब्याज की राशि परिवादिया को भुगतान नहीं करती है तो उसे इस राशि पर भी 6 प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज देना होगा।
परिवाद में कहा गया था कि परिवादिया ने कंपनी से मर्सिडीज बेंज कार 57 लाख रुपए में खरीदी थी, लेकिन पहले दिन से ही कार में तकनीकी समस्या थी। जिसे कंपनी ने कार लौटाने तक सॉल्व नहीं किया था। ऐसे में आयोग से जमा की गई राशि पर ब्याज व मानसिक संताप के लिए मुआवजे की मांग की गई थी।
नई बताकर पुरानी कार बेची
परिवादिया की ओर से पैरवी करने वाले अधिवक्ता विज़्जी अग्रवाल ने बताया कि परिवादिया ने 24 नवम्बर 2017 को जयपुर में कंपनी के ऑथोराइज डीलर से मर्सिडीज बेंज कार खरीदी थी। परिवादिया ने कंपनी को 14,43,967 रुपए डाउन पेमेंट के अदा किए थे। वहीं 1,97,888 रुपए और 90 हज़ार रुपए सर्विस चार्ज और पीडीआई के पेट अदा किए थे।
इसके अलावा शेष राशि का लोन भी कंपनी के ही वित्तीय संस्थान से कराया था। लेकिन गाड़ी लेते ही पहले दिन से ही उसके ब्रेक में स्क्रीचिंग नॉइस (कर्कश आवाज) आना शुरू हो गई। जिसके बार में कंपनी को अवगत करा दिया गया था। वहीं कार में लगे विंडो ग्लास पर 2016 अंकित था। जबकि कंपनी ने कार के निर्माण समय मई 2017 बताया था। ऐसे में परिवादिया ने दुर्घटनाग्रस्त व पुराना वाहन बेचने की आशंका जाहिर की। परिवाद में कहा गया कि बार-बार को कंपनी ई-मेल के जरिए शिकायत भेजने पर भी कंपनी के टेक्नीशियन समस्या हल नहीं कर पाए।
कंपनी ने कहा-हमने जमा राशि लौटा दी
परिवाद पर सुनवाई के दौरान कंपनी ने कहा कि हमने परिवादिया की शिकायत पर उनके द्वारा अदा की गई कुल राशि 19,05,925 रुपए परिवादियों को 5 जुलाई 2018 को लौटाकर वाहन वापस ले लिया है। ऐसे में अब कंपनी और उनके बीच कोई विवाद शेष नहीं रह जाता हैं।
लेकिन आयोग ने दोनों पक्षों की बहस सुनकर कहा कि बेशक कंपनी ने ग्राहक की जमा राशि उसे लौटा दी हैं। लेकिन जिन 8 माह के बीच वाहन ग्राहक के पास रहा। उस दौरान उसे मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ी। ऐसे में कंपनी परिवादिया को 8 लाख रुपए जुर्माने, 50 हज़ार रुपए परिवाद खर्च और अदा की गई राशि की दिनांक से राशि लौटाने के समयावधि के लिए 9 प्रतिशत ब्याज अदा करें।
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