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झारखंड सहायक अध्यापक संघर्ष मोर्चा ने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री के नाम खुला पत्र लिखकर वार्ता का खेल बंद करने की मांग की है। मोर्चा ने स्पष्ट किया है कि 24 अगस्त तक सरकार मांगों को पूरा करे, नहीं तो 25 अगस्त को सभी जिला मुख्यालयों में मशाल जुलूस निकाला जाएगा। वहीं, 27 अगस्त से मुख्यमंत्री आवास के समक्ष पारा शिक्षक अनिश्चितकालीन प्रदर्शन करेंगे। मोर्चा ने वेतनमान के समतुल्य मानदेय सहित विभिन्न मांगों की पूर्ति 24 अगस्त तक करने का अल्टीमेटम दिया है।
मोर्चा के बिनोद बिहारी महतो, संजय कुमार दुबे, विनोद तिवारी, हृषिकेश पाठक, सिद्दीक शेख, प्रद्युम्न कुमार सिंह(सिंटू), विकास कुमार चौधरी, नरोत्तम सिंह मुंडा, निरंजन कुमार डे, सुमन कुमार सिंह, बेलाल अहमद, भागवत तिवारी, वीरेंद्र राय, मो शकील ने मांग की है कि बिहार नियोजित शिक्षक नियुक्ति नियमावली की तरह टेट, सीटेट और आकलन उत्तीर्ण सहायक अध्यापकों को वेतनमान ना देने की स्थिति में वेतनमान के समतुल्य मानदेय का लाभ दिया जाए। सहायक अध्यापको को कर्मचारी भविष्य निधि का लाभ, वर्तमान में जारी सहायक आचार्य नियुक्ति प्रक्रिया में पहले 6-8 क्लास और बाद में 1-5 क्लास में नियुक्ति की जाए, ताकि अधिकतम सहायक अध्यापकों को इसका लाभ मिले।
आकलन परीक्षा के प्रश्नों के त्रुटिपूर्ण उत्तर के संशोधित परिणाम यथाशीघ्र जारी किए जाएं। इसके बाद आकलन उत्तीर्णता के प्रमाण पत्र और द्वितीय आकलन परीक्षा आयोजित की जाए। दूसरी आकलन परीक्षा में ईडब्ल्यूएस और दिव्यांग अभ्यर्थियों को नियमानुसार अंकों का अधिभार दिया जाए। सहायक अध्यापकों के आश्रितों को योग्यता अनुरूप अनुकंपा का लाभ दिया जाए। आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका की तरह सेवानिवृत्ति आयु 62 वर्ष की जाए। 2013 व 2016 की जेटेट और सीटेट की तरह 2024 में आयोजित जेटेट में भी सभी विषयों में उत्तीर्णता अंक की बाध्यता को समाप्त किया जाए और सहायक अध्यापकों को कार्यानुभव का वेटेज दिया जाए। वार्ता में तय समझौते के अनुरूप कल्याण कोष में अतिरिक्त 20 करोड़ की राशि देने के साथ-साथ मृत व सेवानिवृत्त सहायक अध्यापकों-परिजनों को लाभ देने, मेडिकल की सुविधा प्रदान दी जाए। शहरी व अधिसूचित क्षेत्र के सहायक अध्यापकों को चार प्रतिशत वार्षिक वृद्धि का लाभ दिया जाए और राज्य के सभी सहायक अध्यापकों को वार्षिक सेवा संपुष्टि की बाध्यता से मुक्त किया जाए।
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