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अपर सत्र न्यायाधीश के कोर्ट नंबर-9 में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी के खुदकुशी के मामले में (पीडब्ल्यू-टू) सुनवाई हुई। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुए इस जिरह में कारागार चित्रकूट से आनंद गिरी और केंद्रीय कारागार नैनी से दो अभियुक्त आद्या प्रसाद और उसका बेटा संदीप तिवारी शामिल हुए।
नरेंद्र गिरि। फाइल फोटो
– फोटो : अमर उजाला।
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अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी के खुदकुशी के मामले में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी की गवाही को समाप्त कर दिया गया है। जिला अदालत में सुनवाई के दौरान पेश न होने पर अपर सत्र न्यायाधीश अंजू कनौजिया ने यह आदेश दिया है। अब केस की अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी।
अपर सत्र न्यायाधीश के कोर्ट नंबर-9 में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी के खुदकुशी के मामले में (पीडब्ल्यू-टू) सुनवाई हुई। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुए इस जिरह में कारागार चित्रकूट से आनंद गिरी और केंद्रीय कारागार नैनी से दो अभियुक्त आद्या प्रसाद और उसका बेटा संदीप तिवारी शामिल हुए। लेकिन इस जिरह में न तो महंत रविंद्र पुरी और ना ही विशेष लोक अभियोजक सीबीआई शामिल हुए।
सुनवाई के दौरान अपर सत्र न्यायाधीश ने आनंद गिरी से कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की तरफ से अधिवक्ता दिलाया जा सकता है। इस पर आनंद गिरी ने असहमति जताते हुए कहा कि उन्हें अधिवक्ता की जरूरत नहीं है। इस जिरह में महंत रविंद्र पुरी के शामिल न होने पर अपर सत्र न्यायाधीश उनकी गवाही को खत्म कर दिया।
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