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बांधाें के भरने के बाद नदियों के अतिरिक्त पानी का भी प्रदेश में ही उपयाेग के उद्देश्य से बनी पार्वती कालीसिंध चंबल ईस्टर्न राजस्थान केनाल प्रोजेक्ट पीकेसी-ईआरसीपी की डीपीआर में और बदलाव किया जा रहा है। राज्य सरकार नई डीपीआर दिल्ली में बनवा रही है। उद
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योजना पर राष्ट्रीय जल विकास प्राधिकरण काम कर रहा है। वर्तमान प्रोजेक्ट से 90 बांध व तालाब जोड़े जा रहे थे, लेकिन अब संख्या 162 तक हो सकती है। नई डीपीआर केंद्रीय जल आयाेग काे मंजूरी के लिए भेजी जाएगी। संभव है कि परियाेजना काे राष्ट्रीय परियोजना घोषित कर दिया जाए। तब अधिकांश अनुदान, करीब 85 प्रतिशत तक केंद्र सरकार देगी। माैजूदा डीपीआर के मुताबिक पहले पैकेज के टेंडर हाेकर अवार्ड भी हो चुके हैं। 2266 करोड़ में दो डैम व नाैनेरा बांध पर पंपिंग स्टेशन लगाया जाना है।
पहले चरण के दो पैकेज में हो सकता है बदलाव
नाैनेरा बांध से चंबल नदी तक 6.5 किलाेमीटर फीडर, चंबल नदी पर पानी ले जाने के लिए 2.280 मीटर लंबा एक्वाडक्ट क्राॅस करने के बाद मेज नदी तक लगभग 13 किलाेमीटर फीडर बनेगा। तीसरे पैकेज में मेज व गलवा बैराज पर पंपहाउस व मेज नदी से गलवा डैम तक 28.5 किमी का फीडर बनेगा। गलवा से बीसलपुर तक 67 किमी व ईसरदा तक 31 किमी का फीडर बनेगा। इन कामों के टेंडर अभी नहीं हुए हैं। फाइनल डीपीआर में इसमें भी बदलाव हो सकता है।
“पीकेसी-ईआरसीपी की नई डीपीआर दिल्ली (एनडब्ल्यूडीए) में बनाई जा रही है। योजना को बेहतर बनाने के प्रयास हैं। अभी पहले चरण के एक पैकेज के टेंडर अवार्ड किए गए हैं। नई डीपीआर के बाद शेष कार्य के टेंडर हाेंगे हैं। नई डीपीआर के बारे में जो जानकारी, डिटेल, वास्तविक स्थिति हमसे चाही जाती है, वे उपलब्ध करवा देते हैं।”
– राकेशकुमार गुप्ता, कार्यवाहक महानिदेशक, पीकेसी-ईआरसीपी
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