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संत अल्बर्टस कॉलेज में शैक्षणिक सत्र 2024-25 का शुभारंभ मंगलवार को हुआ। मौके पर आयोजित समारोह में आर्चबिशप विंसेंट आईंद बतौर मुख्य अतिथि शामिल थे। कार्यक्रम की शुरुआत मिस्सा पूजा से हुई, जिसके मुख्य अनुष्ठाता आर्चबिशप थे। उन्होंने कहा कि संत अल्बर्टस कॉलेज अन्य कॉलेज या यूनिवर्सिटी से हटकर है। यहां बौद्धिक विकास के साथ आध्यात्मिक उन्नति पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है। इसके फलस्वरूप व्यक्ति आंतरिक रूप से परिवर्तन लाता है। स्वयं परिवर्तन के साथ समाज का परिवर्तन के लिए आगे बढ़ता है।
ईसा मसीह के आदर्श व गुण जैसे प्रेम, सेवा, समर्पण आदि को अपनाकर परिवर्तन लाया जा सकता है। कॉलेज के वीसी बिशप विनय कंडुलना ने कहा कि दर्शनशात्र सोचने के तौर-तरीके, तार्किक विलक्षचता को बढ़ाता है और ज्ञान अर्जन में सहायक होता है। फादर जोन बी बारला ने कहा कि जिस दुनिया में हम जीते हैं, वह लचर स्थिति में है। यहां गरीबी, दुःख, बीमारी, लड़ाई, महामारी, प्राकृतिक आपदा, ग्लोबल वॉर्मिंग, मानव मूल्यों का ह्रास जैसी समस्याएं लोगों की आशाओं पर पानी फेर रही हैं। हम सकारात्मक व आशामय जीवन जीएं। अंत में दीक्षांत समारोह हुआ। डॉ. रॉक पाकिया राज को पीएचडी की डिग्री दी गई।
इसी के साथ 16 विद्यार्थियों को बैचलर इन थिओलॉजी व 24 को बैचलर इन फिलोसोफी डिग्री प्रदान की गई। मौके पर सेवानिवृत आर्चबिशप फेलिक्स टोप्पो, हजारीबाग धर्माध्यक्ष आनंद जोजो, फादर सुमन एक्का, रेक्टर फादर अजय खलखो व अन्य मसीही मौजूद थे।
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