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आदिवासियों के विभिन्न संगठनों का आदिवासी महासमागम मंगलवार को पुराना विधानसभा मैदान में आदिवासी जन परिषद के अध्यक्ष प्रेम शाही मुंडा की अध्यक्षता में हुआ। इसका संचालन कुंदर्शी मुंडा ने किया। भारत आदिवासी पार्टी के संस्थापक सदस्य कांति भाई रोत, धावर चंद्र डामोर, जय कृष्ण , जितंेद्र मीणा व बबिता कच्छप मुख्य रूप से मौजूद थीं। कांतिभाई रोत ने कहा कि आदिवासियों को एकजुट होकर चलना होगा। इन्हें राजनीतिक रूप से ताकतवर बनना होगा।
उन्होंने कहा कि राज्य के आदिवासी पलायन कर रहे हैं और गरीब होते जा रहे हैं। जितेंद्र मीणा ने कहा कि आदिवासी पर चौतरफा पर हमला हो रहा है और झारखंड में भी कोई हमला करेगा, इसका हम लोग विरोध करेंगे। विधायक धाबर चंद डामोर, विधायक जय कृष्णा भीम ने कहा कि भारत आदिवासी पार्टी आदिवासियों की जमीन की पार्टी है।
प्रेमशाही मुंडा ने कहा कि भारत आदिवासी पार्टी आदिवासी समाज के मुद्दों के आधार पर राजनीतिक पार्टी बनी है। सामाजिक मुद्दे को राजनीति के रास्ते पर ही समाधान किया जा सकता है। इसलिए हमें राजनीति की रास्ते पर चल प्रदेश की लोकतंत्र को मजबूत बनाएंगे और आदिवासियों के सैद्धांतिक रूप से विकास करने का काम करेंगे।
मौके पर आदिवासियों के हक और अधिकार के लिए कई राजनीतिक प्रस्ताव पास किए गए। आदिवासी समागम में अभय भूट कुंवर, सिदाम सिंह मुंडा, लकी चरण मुंडा, जगरे उरांव, हो समाज के यदुनाथ तियु, प्रकाश मंुडा व अन्य ने संबोधित किया। आदिवासी जन परिषद के अध्यक्ष प्रेम शाही मुंडा, आदिवासी सेना के अध्यक्ष अजय कच्छप, भारतीय आदिवासी विकास परिषद के कुंदरसी मुंडा, लोहरा समाज के अभय भूंट कुंवर, सुरेंद्र लिंडा, सेलीना लकड़ा, राम आशीष करमाली, सुभाष करमाली, सुरजू हासा, भारत मुंडा, सुनील मुंडा समेत आदिवासी अगुवा भारत आदिवासी पार्टी के नीति व सिद्धांतों और सैकड़ों आदिवासी अगुवा ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।
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