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समाजसेवी मुकेश मीणा पर पिछले दिनों हुई एफआईआर के विरोध में सोमवार को युवाओं ने कलेक्ट्रेट कार्यालय घेरकर जमकर नारेबाजी और प्रदर्शन किया है। इस दौरान युवाओं ने समाज सेवी पर हुई एफआईआर के विरोध में कलेक्ट्रेट के गेट पर धरना भी दिया और एफआईआर वापस लिए ज
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युवाओं का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन के लोगों ने समाजसेवी की आवाज को दबाने के लिए उन पर झूठी कार्रवाई कराई है। क्योंकि समाजसेवी मुकेश मीणा लोगों के दुख तकलीफ में रात दिन खड़े रहने वाले व्यक्ति हैं। युवाओं का आरोप है कि उन्होंने अस्पताल के मेटरनिटी वार्ड में शराब पार्टी का वीडियो बनाकर वायरल किया था, जिसके विरोध में उनके खिलाफ यह षडयंत्र किया गया है। युवाओं ने इस दौरान सिविल सर्जन डॉक्टर दिलीप सिकरवार को हटाए जाने के लिए जमकर नारेबाजी भी की है।
कलेक्टर ने दिया जांच का आश्वासन
युवाओं की मांग पर इस मामले में कलेक्टर लोकेश कुमार जांगिड़ ने युवाओं को आश्वासन दिलाया है कि, 15 दिन के अंदर मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्यवाही होगी।
यहां बता दे कि पिछले दिनों समाजसेवी मुकेश मीणा के खिलाफ अस्पताल के मेटरनिटी वार्ड की महिला कर्मचारियों और सिविल सर्जन डॉ दिलीप सिकरवार के द्वारा कोतवाली थाने में आवेदन देकर शिकायत की गई थी कि, मुकेश मीणा आए दिन रात दिन कभी भी मेटरनिटी वार्ड में दाखिल हो जाते हैं।
इनका कहना है
मुकेश मीणा का कहना है कि मेरे खिलाफ झूठा षड्यंत्र करके एफआईआर कराई गई है। मैंने लोगों की सेवा की है जो मरते दम तक करतार रहूंगा। मैंने किसी बदतमीजी नहीं की और ना ही मेटरनिटी वार्ड में ऐसा कोई काम किया, जिसकी वजह से मेरे खिलाफ कोई कार्रवाई होती। यह सिविल सर्जन ने मेरे खिलाफ षडयंत्र किया है।
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