अभिषेक शर्मा
डाला सोनभद्र जिले के डाला नगरवासियों के लिए मंगलवार का दिन बहुत खास था। यहाँ के रामलीला मैदान और साप्ताहिक मंडी में आज किताबों, पत्रिकाओं, बाल साहित्य एवं अन्य शैक्षणिक सामग्रियों की एक खास प्रदर्शनी लगी हुई थी। उपक्रम एजुकेशनल फाउंडेशन, डाला, सोनभद्र द्वारा संचालित झोला लाइब्रेरी की मुहिम के अंतर्गत खास पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। उपक्रम संस्था वर्ष 2018 से जनपद के सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में भाषा, बुनियादी साक्षरता एवं पुस्तकालय पर काम कर रही है। उपक्रम की सह-संस्थापिक किरण तिवारी ने कहा कि हम इस पुस्तक प्रदर्शनी के माध्यम से समाज में पुस्तक संस्कृति को स्थापित करना चाहते हैं। हमारे नगर में कोई लाइब्रेरी नहीं है। लोग किताबों तक नहीं पहुँच पा रहे हैं तो हम वो माध्यम बन रहे हैं जो लोगों तक किताबें पहुंचा दे। हम पिछले 4 सालों से खुले आकाश के नीचे झोला लाइब्रेरी का संचालन कर रहे हैं। जिसका उद्देश्य बच्चों तक उत्कृष्ट बाल साहित्य पहुंचाना है। बच्चों को पाठ्यपुस्तकों के अलावा भी साहित्य की अन्य विधाओं को जानना और पढ़ना चाहिए। ऐसा नहीं है कि ये किताबें पाठ्यपुस्तकों को हटाकर अपना स्थान बनाना चाहती हैं पर नई-नई, अलग-अलग प्रकार की किताबें बच्चों के अनुभव संसार का विस्तार ही करती हैं। इस प्रदर्शनी में पाँच वर्ष से लेकर 65 वर्ष तक के लोगों ने भाग लिया। एक जीवंत लाइब्रेरी जहां लोग आकर किताबें पढ़ रहें हैं, एक तरफ बच्चों के लिए रीड अलाउड का सेशन चल रहा है, और दूसरी तरफ बच्चे गणित, विज्ञान और भाषा की गतिविधियां चल रही थीं। छठवीं कक्षा की छात्रा आशना ने कहा कि मेरे लिए ये पहला अनुभव है जहां मुझे एक साथ इतनी सारी कहानियों की किताबें पढ़ने को मिल रही हैं। सातवीं कक्षा के शांतनु का कहना था कि हमें ये लाइब्रेरी बहुत पसंद आई जिसमें हमें सभी प्रकार की किताबें मिल रही हैं। विज्ञान और गणित को बहुत रोचक तरीके से समझाने वाली किताबें बहुत पसंद आईं। इसमें बस आप लोग डिक्शनरी को शामिल कर लीजिए। केदारनाथ ने कहा कि इस लाइब्रेरी में बच्चों के लिए ज्यादा किताबें हैं बड़ों के लिए भी उतनी ही मात्रा में किताबें होनी चाहियें। उन्होंने कहा कि हमें इस तरह के मुहिम की आवश्यकता है जो समाज में बौद्धिक प्रवृत्ति को बढ़ावा देगी। अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय, भोपाल से आये छात्र कृष्णा और शिवानी जो इस समय उपक्रम में इंटर्नशिप कर रहे हैं उनके लिए भी समुदाय से जुड़ा अनुभव बहुत रोचक रहा। समुदाय में इस तरह की पहल होने से ऐसे बच्चों को भी बहुत लाभ मिलता है जो किसी कारणवश स्कूल नहीं जा पा रहे हैं या स्कूल से ड्रॉप आउट हो गए हैं। उपक्रम संस्था से नूतन, तूलिका, प्रेमलता, कृति और अंकित ने पूरे कार्यक्रम को बच्चों के सुविधानुसार बनाया। ओम प्रकाश तिवारी, राजू दुबे, राकेश, अमित, रोहित, शुभम, सौरभ इत्यादि मौजूद थें।