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आम आदमी पार्टी (आप) की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल से कथित मारपीट मामले में आरोपी दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के करीबी बिभव कुमार की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। दिल्ली पुलिस ने बिभव कुमार के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर में “सबूतों को गायब करने और गलत सूचना देने” के लिए आईपीसी की एक और धारा जोड़ दी है। बिभव कुमार को 18 मई को गिरफ्तार किया गया था और वह फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद है।
दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने सोमवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि बिभव कुमार पर 13 मई को मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर स्वाति मालीवाल से मारपीट करने का आरोप है। अधिकारी ने बताया कि मामले में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 201 (अपराध के सबूतों को गायब करना या अपराधी को बचाने के लिए गलत सूचना देना) जोड़ी गई है। उन्होंने बताया कि धारा 201 में अपराध में सबसे बड़े अपराध के लिए दी गई सजा के छठे हिस्से के बराबर कारावास का प्रावधान है।
बता दें कि, बिभव कुमार के खिलाफ 16 मई को गैर इरादतन हत्या करने का प्रयास करने समेत आईपीसी की कई संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने आरोप लगाया था कि जब वह सीएम केजरीवाल से मिलने गई थीं, तब बिभव कुमार ने उन पर पूरी ताकत से हमला किया, उन्हें थप्पड़ मारे और लात मारी।
बिभव को दो बार मुंबई ले गई थी दिल्ली पुलिस
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, 18 मई को केजरीवाल के आवास से गिरफ्तार किए जाने के समय बिभव कुमार का मोबाइल फोन फॉर्मेट पाया गया था। दिल्ली लौटने से पहले वह मुंबई में थे। पुलिस बिभव कुमार को दो बार मुंबई ले गई थी। अधिकारी ने कहा कि उन पर शक है कि उन्होंने मुंबई में ही अपना मोबाइल फोन फॉर्मेट किया था, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि उन्होंने इसे कहां फॉर्मेट किया या उन्होंने डेटा किसके साथ शेयर किया। उन्होंने कहा कि पुलिस हिरासत के दौरान बिभव कुमार ने जांच में सहयोग नहीं किया।
एक अन्य पुलिस अधिकारी ने कहा कि केजरीवाल के आवास से तीन सीसीटीवी डीवीआर एकत्र किए गए थे – दो एंट्री गेट पर लगे कैमरों से और एक ड्राइंग रूम के बाहर से था। डीवीआर को फॉरेंसिक साइंस लैब में भेजा गया था क्योंकि शक था कि इनके साथ छेड़छाड़ की गई थी। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
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