[ad_1]
ऐप पर पढ़ें
लोकसभा चुनाव लड़ रहे विधायकों में कई अपनी भी विधानसभा सीट पर बढ़त बनाने में असफल रहे। गोड्डा से इंडिया गठबंधन के लोकसभा प्रत्याशी अपनी पोड़ैयाहाट सीट पर भाजपा के निशिकांत दूबे से पिछड़ गए। कोडरमा से माले प्रत्याशी विनोद सिंह भी बड़े वोटों के अंतर से अपने विधानसभा क्षेत्र बगोदर में पिछड़े।
वहीं, भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल होकर लड़े जेपी भाई पटेल भी अपनी सीटिंग सीट मांडू पर वोटों के बड़े अंतर से भाजपा के मनीष जायसवाल से पिछड़ गए। बागी होकर चुनाव लड़ रहे बोरियो विधायक लोबिन हेंब्रम और विशुनपुर विधायक चमरा लिंडा अपने विधानसभा क्षेत्रों में तीसरे नंबर पर रहकर जमानत बचाने में भी असफल रहे।
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा अपने विधानसभा क्षेत्र खरसांवा में बड़े अंतर से पिछड़ गए। इस सीट से जीतने के बाद वह मुख्यमंत्री बनते रहे थे। गीता कोड़ा पूर्व में जगन्नाथपुर से विधायक रही हैं, इस सीट को मधु कोड़ा के गढ़ के तौर पर जाना जाता है। लेकिन इस सीट पर गीता कोड़ा पिछड़ गईं। इसी तरह राज्यसभा के पूर्व सांसद समीर उरांव का कार्यक्षेत्र विशुनपुर रह चुका है, इस सीट पर वह दूसरे नंबर पर रहे।
सीट जीती,पर विधायक नहीं बचा पाए अपना गढ़
आजसू ने गिरिडीह सीट पर जीत दर्ज की, लेकिन आजसू विधायक लंबोदर महतो की सीटिंग सीट पर जयराम महतो ने बढ़त बनायी। इस सीट पर आजसू प्रत्याशी चंद्रप्रकाश चौधरी दूसरे नंबर पर खिसक गए।
NDA और ‘इंडिया’ को कितनी सीटों पर बढ़त
झारखंड में 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान एनडीए को 50 विधानसभा सीटों पर बढ़त मिली है। पिछली बार एनडीए की 56 सीटों पर बढ़त थी। इस बार इंडिया गठबंधन ने 29 सीटों पर बढ़त ली, जबकि दो सीटों डुमरी व गोमिया में जयराम महतो ने बढ़त ली। वर्तमान में डुमरी सीट झामुमो व गोमिया आजसू के खाते में है। भाजपा वर्तमान में विधानसभा की दो आरक्षित सीटों खूंटी और तोरपा पर काबिज है, लेकिन इस सीटों पर वह पिछड़ गई।
पांच आदिवासी आरक्षित विधानसभा सरायकेला, दुमका, जामा, घाटशिला और पोटका में भाजपा को बढ़त मिली। वहीं शेष 23 आदिवासी आरक्षित सीटों पर इंडिया गठबंधन ने बड़ी बढ़त ली। यही वजह रही थी आरक्षित पांचों लोकसभा सीटें इंडिया गठबंधन के खाते में आयीं।
[ad_2]
Source link