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राम रहीम रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है।
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को मैनेजर रणजीत सिंह की हत्या के 22 साल पुराने केस में दोष मुक्त कर दिया है। जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर और जस्टिस ललित बत्रा की बेंच ने मंगलवार को दिए फैसले में सीबीआई की विशेष कोर्ट की
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हाईकोर्ट ने 163 पेज के फैसले में कहा कि चर्चित मामले के दबाव में सीबीआई की जांच गतिहीन और खराब रही, जिस पर संदेह का लाभ आरोपियों को दिया जा रहा है। पंचकूला की विशेष सीबीआई कोर्ट ने 2021 में राम रहीम और चार अन्य को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
गुरमीत राम रहीम के वकील जतिंदर खुराना ने बताया कि आरोपियों ने सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी। डेरा प्रमुख और अन्य आरोपियों को गवाहों के बयानों में विरोधाभास, परिस्थितिजन्य सबूतों के आधार पर आरोपियों को संदेह का लाभ मिला है।
इस बीच, रणजीत सिंह के बेटे जगसीर ने कहा, हम हार नहीं मानेंगे। इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे। वहीं, सिरसा में डेरा समर्थकों ने न कोई जश्न मनाया, न ही समर्थक एकत्रित हुए। डेरा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर कहा, न्यायालय से हमें न्याय मिला है।
गुमनाम पत्रों को बांटने के शक पर हुआ था मैनेजर का मर्डर
कुरुक्षेत्र का रणजीत सिंह सिरसा के डेरे का मैनेजर था। सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक राम रहीम को संदेह था कि डेरे की साध्वियों के यौन शोषण मामले में साध्वियों की तरफ से लिखे कथित गुमनाम पत्रों को रणजीत सिंह ने अलग-अलग जगहों पर बांटा। रणजीत सिंह की 10 जुलाई, 2002 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
राम रहीम के ड्राइवर खट्टा सिंह के बयानों पर राम रहीम का नाम इस हत्याकांड में बाद में शामिल हुआ था।पत्रकार की भी हत्या: इन्हीं पत्रों को अपने सांध्यकालीन समाचार पत्र में छापने के कारण पत्रकार रामचंद्र छत्रपति पर फायरिंग हुई थी। छत्रपति की 21 नवंबर, 2002 को मौत हो गई थी।
पैरोल पर बाहर आने की मांग विचाराधीन
डेरा डेरामुखी ने हाईकोर्ट के 29 फरवरी के फैसले में सुधार करने की मांग की है। इसमें कहा गया था कि हरियाणा गुड कंडक्ट प्रिजनर्स एक्ट 2022 के तहत वे 2024 में 20 दिन पैरोल और 21 दिन फरलो पाने के हकदार हैं। ऐसे में जब कभी वे इसके लिए आवेदन करें तो सरकार को विचार करने के निर्देश दिए जाएं। मामले में 31 जुलाई को सुनवाई होगी।
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राम रहीम डेरा मैनेजर की हत्या के केस में बरी:हाईकोर्ट ने CBI कोर्ट का फैसला रद्द किया; पत्रकार हत्याकांड और साध्वी रेप केस में जेल में रहेगा
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा चीफ राम रहीम समेत 5 लोगों को डेरा मैनेजर रणजीत सिंह हत्याकांड में बरी कर दिया है। राम रहीम समेत 5 आरोपियों को CBI कोर्ट ने उम्रकैद की सजा दी थी।राम रहीम इस वक्त रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है। उसे 3 मामलों में सजा हुई थी।
इनमें रणजीत हत्याकांड के अलावा पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या और साध्वियों के यौन शोषण का केस भी शामिल है। पत्रकार की हत्या में उसे उम्रकैद और यौन शोषण के 2 केसों में 10-10 साल की कैद हुई थी। इस केस में बरी होने के बावजूद राम रहीम को अभी जेल में ही रहना होगा (पूरी खबर पढ़ें)
वह गुमनाम चिट्ठी, जिसके बाद रणजीत का मर्डर हुआ:इसी केस में राम रहीम बरी
हरियाणा के सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा के चीफ राम रहीम के साम्राज्य को एक गुमनाम चिट्ठी ने तबाह किया था। यह चिट्ठी डेरे में साध्वियों के यौन शोषणा से जुड़ी हुई थी। यह चिट्ठी 13 मई 2002 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को संबोधित कर लिखी गई थी।इस चिट्ठी के सामने आने के बाद पहले डेरे के मैनेजर रणजीत सिंह का मर्डर हुआ। (पूरी खबर पढ़ें)
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डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 22 साल पुराने रणजीत सिंह मर्डर केस में हाईकोर्ट ने बरी कर दिया है। राम रहीम अभी रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है। वह जेल से बाहर नहीं आएगा। एक सामान्य इंसान से डेरा सच्चा का प्रमुख बनने तक राम रहीम की कहानी दिलचस्प है।
राम रहीम का जन्म 15 अगस्त 1967 को राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले की गुरुसर मोडिया गांव में जट सिख परिवार में हुआ। वह माता-पिता का इकलौता बेटा था। उसके पिता मघर सिंह गांव के जमींदार थे। माता का नाम नसीब कौर है। (पूरी खबर पढ़ें)
रणजीत का परिवार जाएगा सुप्रीम कोर्ट:राम रहीम को बरी किए जाने से परिवार मायूस, बेटा और जीजा बोले-मरते दम तक लड़ेंगे लड़ाई
हरियाणा के डेरा सच्चा सौदा के मैनेजर रणजीत सिंह के मर्डर केस में हाईकोर्ट ने डेरा प्रमुख को बरी कर दिया है। इस फैसले से रणजीत सिंह का परिवार मायूस है। परिवार का कहना है कि वह कानूनी लड़ाई जारी रखेंगे। इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। इसके लिए वकीलों से राय ली जा रही है। जल्द ही इसके लिए कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई शुरू करेंगे। (पूरी खबर पढ़ें)
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