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सीएमएचओं कार्यालय में पदस्थ लीगल शाखा प्रभारी ने दाे साल तक अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहे कर्मचारी का अवकाश स्वीकृत कराया। साथ ही नियम विरुद्ध वेतन निर्धारण किया। यह शिकायत एडवाेकेट ने संभागायुक्त से दस्तावेजाें के साथ की है। संभागायुक्त ने 15 मई काे
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यह पूरा मामला पन्ना जिला में पदस्थ रहे एमपीडब्ल्यू कंछेदीलाल अहिरवार से शुरू हाेता है। कंछेदीलाल की पदस्थापना उप स्वास्थ्य केंद्र अजयगढ़ में हुई। इनकी प्रथम उपस्थिति 26 मई 1998 की है। वेतन निर्धारण रुपए 3050 हुआ। सहायक चिकित्सक सीएचसी अजयगढ़ ने 28 मई 1999 काे सीएमएचओ पन्ना को पत्र भेजकर बताया कि कंछेदीलाल उप स्वास्थ्य केंद्र खाेरा से अपनी ड्यूटी से 8 जुलाई 1998 से 26 मई 1999 तक अनुपस्थित हैं।
सीएमएचओ पन्ना ने बीएमओ काे बगैर अनुमति के वेतन न निकालने के निर्देश दिए। इसके बाद कंछेदीलाल का स्थानांतरण स्वयं के व्यय पर सीएमएचओ कार्यालय सागर हाे गया। सीएमएचओ पन्ना ने 4 जुलाई 2000 काे पन्ना से सागर के लिए कार्यमुक्त किया।
सीएमएचओ कार्यालय सागर ने वेतन पुनरीक्षण नियम 2009 के तहत वेतन निर्धारण पत्रक में निर्धारण किया। इसमें 1 अप्रैल 2006 काे 3050 रुपए के स्थान पर 3500 रुपए का निर्धारण करते हुए 8610 किया गया। इसमें मूलवेतन 5000 रुपए से अधिक प्रतिमाह का फायदा हुअा। इनकी सेवा पुस्तिका में सीएमएचअॅअॅ पन्ना ने 26 मई 1998 से 2 सितंबर 2000 तक सर्विस का सत्यापन नहीं किया है।
इनकी अनधिकृत अनुपस्थिति सेवा अभिलेख में दर्ज है। कंछेदीलाल एमपीडब्ल्यू जैसीनगर का सेवा सत्यापन 1 अप्रैल 2006 से 31 मार्च 2011 तक अंकित है। इसमें 1998 से 2012 तक एक भी वेतन वृद्धि दिए जाने का लेख नहीं है। सीएमएचअॅअॅ कार्यालय सागर ने एदेश 12 अप्रैल 2013 के द्वारा बगैर किसी एवेदन या जानकारी के और बगैर वरिष्ठ कार्यालय के मार्गदर्शन के कंछेदीलाल अहिरवार की अनुपस्थिति का अवकाश स्वीकृत किया।
इसमें आराेप है कि लिपिक शकील खान ने सीएमएचअॅअॅ सागर काे जरूरी जानकारी न देकर बगैर नियम के यह काम किया। कन्छे दीलाल अनाधिकृत दाे साल तक अनुपस्थित रहे। इनके खाते में छुट्टियां नहीं थीं। अवकाश अवधि के साथ वेतन वृद्धि, वेतन निर्धारण, समयमान वेतनमान दिलाने पर एरियर की राशि का भुगतान कंछेदीलाल काे हुआ।
कर्मचारी काे मूलवेतन में बीस हजार रुपए एवं उस पर मिलने वाले डीए अलाउंस का फायदा कराया। अहिरवार के दाेनाें पत्रकाें में शकील खान लिपिक की हस्तलिपि है। पांचवां वेतनमान 26 मई 99 से दाे वेतनमान काे स्वीकृत कर वेतन में अंतर की राशि दिखाई है। यह वित्तीय अनियमितता है।
यह अनियमिताएं बताईं
26 मई 1998 से 23 सितंबर 2000 तक सेवा का सत्यापन पन्ना से नहीं हुअा। वेतन भी वृद्धि पन्ना से देय हाेना थी। अनुपस्थिति का कर्मचारी से नाेटरी शपथपत्र नहीं लिया। बगैर शपथपत्र के उपस्थिति कराना अनियमितता है। प्रकरण स्वास्थ्य सेवाएं संचालनालय नाे वर्क नाे पे की टीप के साथ जाना था। नहीं भेजा। जांच में हजाराें रुपए की वसूली कंछेदीलाल पर निकल सकती है।
निलंबित कर जांच की मांग : एडवाेकेट सुमिता विश्वे ने बताया है कि एमपीडब्ल्यू कंछेदीलाल अहिरवार 30 जून 2025 काे सेवानिवृत्त हाेंगे। उन्हाेंने कहा कि मंत्रालय भाेपाल के निर्देश हैं कि वेतन निर्धारण में गलती हाेने पर संबधित के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए। संबंधित कर्मचारी से अधिक राशि की वसूली न हाे ताे दाेषी कर्मचारी से वसूली की जाए। एडवाेकेट ने संबंधित लिपिक काे निलंबित करने और शासन काे हुए नुकसान की भरपाई के लिए वसूली करने का आग्रह किया है।
कमेटी कर रही जांच
इस मामले में लीगल शाखा प्रभारी लिपिक शकील खान से माेबाइल पर संपर्क किया ताे उन्हाेंने जवाब नहीं दिया। कार्यालय जाकर उनसे जवाब लिया ताे उन्हाेंने कहा कि शिकायत पर कमेटी बनी है। जांच की जा रही है। इसके अलावा कुछ नहीं कहना है।
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