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चतरा में नक्सलियों ने पिता-पुत्र की हत्या की
चतरा में लोकसभा चुनाव समाप्त होते ही प्रतिबंधित टीएसपीसी नक्सलियों ने बड़ी घटना को अंजाम दिया है। उग्रवादियों के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले पिता-पुत्र की हत्या कर पुलिस को खुली चुनौती दी है। पुलिस का साथ देने की कीमत पंकज बिरहोर और उसके पिता को जान देकर
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मिली जानकारी के मुताबिक, अपने दस्ते के साथ पहुंचे हथियारबंद नक्सलियों ने हिंदियाकला गांव पहुंचकर पहले पिता-पुत्र को अपने कब्जे में लिया। फिर दोनों की जमकर पिटाई की। इसके बाद गोली मारकर बाप-बेटे का मार डाला। नक्सलियों की इस वारदात के बाद इलाके में सनसनी मच गई। वहां रहने वाले ग्रामीण दहशत में हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक, दोनों मृतक बिरहोर जाति के थे। घटना के करीब 12 घंटे के बाद भी पुलिस घटनास्थल पर नहीं पहुंची। पुलिस स्थानीय चौकीदार और ग्रामीणों की मदद से शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा है।
पहले जानिए क्या है पूरा मामला
मृतक के भाई ने बताया कि जिले के पूर्व उपायुक्त अबु इमरान कुछ दिन पहले गांव में आए थे। उस दौरान उन्होंने गांव में जरूरत के मुताबिक, 10 बिरहोर परिवारों को बिरसा आवास दिया था। जिसका देखरेख मृतक और उसका भाई कर रहे थे। इसी दौरान टीएसपीसी के नक्सलियों के छह सदस्यों का दस्ता गांव में पहुंचा था और हर एक आवास से दस हजार रुपए लेवी (रंगदारी) की मांग की थी।
जिसका विरोध करते हुए पंकज और उसके भाई ने ग्रामीणों के सहयोग से दस्ते में शामिल हथियारबंद उग्रवादी मंटू गंझू को पकड़कर हथियार के साथ पुलिस के हवाले कर दिया था। परिजनों के अनुसार नक्सलियों को गांव में लाने में गांव के ही सुदेश्वर यादव नामक शख्स ने भूमिका निभाई थी। जिसे पुलिस ने पकड़कर जेल भेज दिया है। मंटू गंझू को पुलिस के हवाले किए जाने से नक्सली नाराज थे।
कैसे घटी घटना
मृतक के भाई के अनुसार देर रात करीब 60 से 70 की संख्या में आए वर्दीधारी हथियारबंद टीएसपीसी नक्सली दस्ते ने पहले घर का दरवाजा खुलवाने का प्रयास किया। जिसके बाद जब घर मे सो रहे पंकज और उसके वृद्ध पिता ने दरवाजा नहीं खोला तो नक्सलियों ने तोड़ने का प्रयास किया।
उसके बाद भी जब दरवाजा नहीं टूटा तो घर में लगे करकट सीट को तोड़कर ऊपर से घर मे बंद परिजनों पर ईंट, पत्थर और टांगी से हमला किया। इसके बाद पंकज ने घर का दरवाजा खोलते हुए हाथ में रखे टांगी से नक्सलियों पर धावा बोल दिया।
इस दौरान उसने दस्ते में शामिल दो नक्सलियों की पिटाई भी कर दी। इसके बाद नक्सलियों ने पंकज को पकड़कर पहले उसकी बेरहमी से पिटाई की और फिर घर के आंगन में ही उसे दो गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया।
पंकज की हत्या के बाद नक्सली उसके भाई को ढूंढने लगे। जब भाई घर में नहीं मिला तो बौखलाए नक्सलियों ने घर के भीतर सो रहे पंकज के वृद्ध पिता को घसीट कर बाहर निकाला और ईंट, पत्थर और लोहे की रड से हमला कर निर्मम हत्या कर दी।
ये मंटू गंझू नाम का नक्सली है इसी को मृतक और उसके परिजनों ने लेवी मांगने के नाम पर हथियार के साथ पड़कर पुलिस के हवाले कर दिया था इसके बाद से नक्सली नाराज थे और इस तरह की घटना का अंजाम दिया।
स्थानीय चौकीदार और ग्रामीणों ने शव पोस्टमॉर्टम के लिए पहुंचाया
वहीं घटनास्थल से करीब पांच किलोमीटर दूर बौरा गांव में रुककर एसपी सिमरिया एसडीपीओ अजय केशरी व अन्य पुलिस पदाधिकारियों से स्थिति का जायजा लिया। पुलिस अधिकारियों ने मुख्यालय के निर्देश पर सुरक्षा कारणों से घटनास्थल पर नहीं पहुंचने की बात कही है।
हालांकि मामले में जिले के वरीय पुलिस अधिकारी अभी कैमरे में कुछ भी कहने से कतरा रहे हैं। एसपी विकास पांडेय ने इतना जरूर कहा है कि पिता-पुत्र की हत्या की घटना में संलिप्त नक्सलियों के धर-पकड़ को लेकर ईलाके की घेराबंदी की जा रही है।
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