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लाखों की ठगी
– फोटो : Istock
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उत्तर प्रदेश के आगरा में मोबाइल कंपनी के वितरक ने अपने ही डीलर से 63 लाख रुपये की धोखाधड़ी कर दी। पहले फाइनेंस कंपनी में डीलर का खाता खुलवाया। फिर स्कीम का झांसा देकर कंपनी में किस्त जमा कराता रहा। फर्जी बिल लगाकर वितरक भुगतान भी लेता रहा।
कमला नगर निवासी विदिता अग्रवाल ने बताया कि उनके पति ह्रदेश कुमार की कमला नगर में मैसर्स आराध्या मोबाइल वर्ल्ड के नाम से फर्म थी। वीवो मोबाइल के डीलर थे। वीवो के वितरक एनवायरॉनमेंटल टेक्नो इंडिया के निदेशक विकास गर्ग, उमा गर्ग से बिक्री के लिए मोबाइल खरीदते थे।
वितरक ने धन हड़पने की नीयत में पति को विश्वास में लेकर सादा चेक ले लिए। उन चेक से फाइनेंस कंपनी प्रोकैप में लोन का खाता खोल लिया। आरोपी फर्जी बिलों से फाइनेंस कंपनी से भुगतान लेता रहा। उनके पति से धनराशि कंपनी में जमा कराते रहे। कम रेट पर मोबाइल बेचने और 20 फीसदी का फायदा कराने की स्कीम बताई। जिसका उन्हें कभी लाभ नहीं मिला।
वितरकों ने फाइनेंस कंपनी के पोर्टल पर 33.84 लाख रुपये के फर्जी बिल हृदेश कुमार की फर्म के नाम पर अपलोड कर दिए। स्कीम के 30 लाख रुपये भी अदा नहीं किए। इस तरह 63 लाख से ज्यादा की धोखाधड़ी की। फाइनेंस कंपनी को पैसा चुकाते-चुकाते घर की आर्थिक हालत बिगड़ गई। कर्ज में दुकान बंद करनी पड़ी।
उत्पीड़न से तंग आकर डीलर ने 11 मार्च को घर में फंदा लगाकर आत्महत्या का प्रयास किया। पत्नी को जानकारी होने पर उन्होंने मरणासन्न स्थिति में पति को अस्पताल में भर्ती कराया। आरोपी वितरक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए पीड़िता ने डीसीपी सिटी को प्रार्थना पत्र दिया। विधिक राय के बाद आरोपियों के विरुद्ध थाना हरीपर्वत में केस किया गया है।
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