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सिरसा डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम लोकसभा चुनाव के नतीजे जेल में ही बैठकर देखेगा। हाईकोर्ट ने 29 फरवरी को डेरामुखी को पैरोल पर रोक लगा दी थी और कहा था कि हाई कोर्ट से बिना पूछे गुरमीत को पैरोल ना दी जाए। इसके खिलाफ गुरमीत राम रहीम ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और पैरोल पर रोक लगाने संबंधी आदेश को वापस लेने की मांग की थी। हाईकोर्ट में लगाई याचिका में डेरामुखी ने जो दलीलें दी उसमें कहा गया था कि इससे पहले भी संगीन अपराध के 89 दोषियों को पैरोल मिलती रही है।
इस पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख की अर्जी पर हरियाणा सरकार और एसजीपीसी को नोटिस जारी कर इस पर जवाब तलब किया है। इस मामले में अगली सुनवाई 31 जुलाई को होगी। संभव है तब तक डेरामुखी को जेल में रहकर ही चुनावी नतीजे देखने होंगे। गुरमीत ने अपनी याचिका में क्या कहा था
सिरसा डेरा प्रमुख ने हाई कोर्ट में लगाई याचिका पर दलील दी थी कि इस साल उसके पास 41 दिन की पैरोल/फरलो शेष है। वो इनका लाभ लेना चाहता है। उसने इस साल 20 दिन की पैरोल और 21 दिन की फरलो समेत कुल 41 दिन की अवधि की रिहाई ली है। पैरोल और फरलो देने का उद्देश्य सुधारात्मक प्रकृति और दोषी को परिवार व समाज के साथ अपने संबंधों को बनाए रखने में सक्षम बनाना बताया गया है। इसके अलावा हरियाणा गुड कंडक्ट प्रिजनर्स (टेम्पररी रिलीज) एक्ट-2022 के तहत पात्र दोषियों को प्रत्येक कैलेंडर वर्ष में 70 दिन की पैरोल और 21 दिन की फरलो देने का अधिकार दिए जाने का भी हवाला भी दिया गया। इसलिए नहीं मिली थी पैरोल
हाल ही में डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को बार-बार पैरोल दिए जाने पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सवाल उठाए थे। बलात्कार के दोषी को जनवरी में 50 दिन की पैरोल दी गई थी। यह लगभग 10 महीने में उसकी 7वीं और पिछले 4 वर्षों में 9वीं पैरोल थी। इसके बाद हाईकोर्ट ने सरकार को 10 मार्च को राम रहीम का आत्मसमर्पण सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था। जिस दिन उसकी पैरोल समाप्त होने वाली थी, उसी दिन राज्य सरकार को आदेश दिया कि वह अगली बार राम रहीम को पैरोल देने के लिए अदालत से अनुमति का अनुरोध करें। झटके के साथ ही पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को यह बताने का आदेश दिया था कि इस तरह से कितने लोगों को पैरोल दिया गया है। अदालत SGPC द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। डेरामुखी की गैरमौजूदगी में हनीप्रीत संभाल रही काम
लोकसभा चुनाव के चलते राजनीतिक दलों ने सिरसा डेरा सच्चा सौदा की ओर रूख कर लिया था। भाजपा सहित तमाम दलों डेरा का समर्थन हासिल करने के प्रयास शुरू कर दिए थे। भाजपा नेताओं ने डेरे में जाकर हनीप्रीत उर्फ प्रियंका तनेजा से मुलाकात की थी। इसके बाद डेरे की ओर से भाजपा का अंदरखाते समर्थन किया गया। भाजपा का कहना है कि डेरे का प्रभाव वोटिंग वाले दिन देखने को मिला। डेरे के प्रभाव के क्षेत्रों में भाजपा को जीत की उम्मीद है।
कौन है हनीप्रीत, गुरमीत से क्या है रिश्ता
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के दुष्कर्म केस में जेल जाने के बाद से सबसे ज्यादा सुर्खियों में हनीप्रीत ही रहीं। हनीप्रीत इन्सां एक अभिनेत्री एवं बाबा गुरमीत राम रहीम की मुंह बोली बेटी है। 2017 में बाबा राम रहीम को साध्वी यौन शोषण मामले में जेल होने के बाद से हनीप्रीत का नाम जमकर सुर्खियों में था। हरियाणा पुलिस की टीम ने उसे देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी तलाशा था। हालांकि उसने सरेंडर कर दिया था और 2019 में जेल से बाहर आ गई। जिसके बाद से वो ही राम रहीम की सत्ता संभाल रही हैं। 1990 से गद्दी पर विराजमान है गुरमीत राम रहीम
शाह सतनाम सिंह ने 23 सितंबर 1990 को डेरा सच्चा सौदा में औपचारिक समारोह में गुरमीत सिंह राम रहीम को अपना उत्तराधिकारी घोषित करके गद्दी सौंप दी। तब से लेकर अब तक राम रहीम गद्दी पर विराजमान है। उसकी परम शिष्य हनीप्रीत है, जिसे गुरु-शिष्य की परंपरा का निर्वाह करते हुए डेरा सच्चा सौदा की गद्दी सौंपने की तैयारी की जा चुकी है, जिसकी घोषणा होना बाकी है। 2014 में भाजपा का किया था समर्थन
पंजाब के पिछले चुनाव में अंतिम समय पर डेरा समर्थकों ने भाजपा का समर्थन किया था। इसका भाजपा व अकाली दल गठबंधन को फायदा मिला। हरियाणा में 2014 के चुनाव में भाजपा की जीत में डेरे का बड़ा योगदान रहा। 2019 के चुनाव में बाबा के जेल जाने के बावजूद कई नेता, पूर्व विधायक और उम्मीदवार डेरे के संपर्क में थे। इसका उन्हें फायदा भी मिला।
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