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विधिक सहायता और अधिनियम को समझने से पहले साक्षर होना जरूरी है। शराब और शक जैसे मानसिक विकार से महिलाएं अधिक पीड़ित होती हैं इसलिए महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलना चाहिए।
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यह बात विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर ग्राम खड़कोद में शनिवार शाम आयोजित मानसिक जागरूकता शिविर में मुख्य वक्ता न्यायिक मजिस्ट्रेट गुरुवेंद्र कुमार उरमाडे़ ने कही। उन्होंने कहा-बच्चों को बचपन से ही अच्छे वातावरण में रहते हुए शिक्षा अर्जित करते रहना चाहिए। सोशल मीडिया, मोबाइल आदि से दूर रहकर केवल शिक्षा की ओर अग्रसर रहना चाहिए।
पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर भी हर व्यक्ति को एक पौधा लगाने और उसकी देखभाल के लिए प्रेरित करना चाहिए। मानसिक स्वास्थ्य को लेकर कहा मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या वर्तमान में सबसे बड़ी समस्या है। इसके बारे में जागरूक रहकर समर्थन देने की आवश्यकता है। विधिक सेवा और जिला अस्पताल के मन कक्ष विभाग के संयुक्त तत्वावधान में लगे शिविर में विधिक सहायता अधिकारी जयदेव मानिक ने विधिक सहायताओं, अधिनियम के बारे में बताया।
मनकक्ष विभाग प्रमुख मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर देवेंद्र झड़ानिया द्वारा मानसिक स्वास्थ्य के बारे में बताया गया। टेली मानस टोल फ्री नंबर 14416 के महत्व को बताया गया। मनहित एप की उपयोगिता बताई। मनकक्ष प्रभारी नर्सिंग ऑफिसर सीमा डेविड ने कहा ग्रामीण क्षेत्रों में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता होना अत्यंत आवश्यक है।
शिविर में डॉक्टर तारीक, पैरालीगल वॉलेंटियर्स राजेंद्र सलूजा, विजया चौहान, सरपंच लीला बाई मांगू, उप सरपंच प्रमोद पाटिल, दिलीप पवार, सहायक सचिव नवल तायडे़, दिनेश कुमार सोलंकी, संगीता तायडे़, आशा कार्यकर्ता लता पाटिल आदि मौजूद रहे।
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