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नई दिल्ली9 दिन पहले
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टेलीकॉम कंपनियां मोबाइल सर्विस के अलग-अलग प्लान्स का टैरिफ बढ़ाने जा रही हैं। एंटीक स्टॉक ब्रोकिंग की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल मोबाइल सर्विस के टैरिफ में 15-17% की बढ़ोतरी की जा सकती है। वहीं, जियो और एयरटेल अपने प्रीमियम यूजर्स को दे रहीं अनलिमिटेड डेटा बंद कर सकती हैं।
टैरिफ में बढ़ोतरी का फैसला जून-जुलाई तक कंपनियां कर सकती हैं। कुछ अन्य एक्सपर्ट्स का मानना है कि मोबाइल फोन सर्विस 20% तक महंगी हो जाएंगी। वहीं, 4G के मुकाबले 5G सर्विस के लिए 5-10% तक ज्यादा चार्ज भी वसूला जा सकता है।
कंपनियां 2-3 किस्तों में टैरिफ बढ़ा सकती है
मार्केट शेयर के हिसाब से देश की दूसरी बड़ी टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल तीन साल में ‘रेवेन्यू पर यूजर’ (RPU) यानी प्रति यूजर औसत कमाई 208 रुपए से बढ़ाकर 286 रुपए तक ले जाना चाहती है। इसके लिए टैरिफ में करीब 55 रुपए की बढ़ोतरी कंपनी कर सकती है। वहीं जियो अपने टैरिफ में इस साल औसतन 15% की बढ़ोतरी कर सकती है।
निवेश पर कम रिटर्न की भरपाई का प्रयास
बैंक ऑफ अमेरिका के मुताबिक, भारतीय टेलीकॉम कंपनियों ने 5G स्पेक्ट्रम पर बड़ा अमाउंट खर्च किया है। इसके अनुपात में ROCE (रिटर्न ऑफ कैपिटल एम्पलॉयड) यानी खर्च के अनुपात में कमाई, काफी कम है। अनलिमिटेड प्लान की वजह से भी कंपनियों की आय अब तक कम रही है।
नवंबर 2021 में महंगे हुए थे टैरिफ प्लान
मोबाइल टैरिफ में पिछली बढ़ोतरी नवंबर, 2021 में की गई थी। उस समय वोडाफोन आइडिया ने करीब 20%, भारती एयरटेल और जियो ने 25% टैरिफ बढ़ाया था। केबल.को.यूके की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीयों को 1GB डेटा के लिए औसतन 13.34 रुपए चुकाने पड़ते हैं।
देश में अभी 116 करोड़ से ज्यादा मोबाइल सब्सक्राइबर्स
भारत में टेलीकॉम कंपनियों का लेखा-जोखा रखने वाली संस्था टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के फरवरी 2024 के आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी 2024 के मुकाबले फरवरी में देशभर में 39,30,625 मोबाइल सब्सक्राइबर्स बढ़े। जनवरी में जहां देशभर में 116.07 करोड़ मोबाइल सब्सक्राइबर्स थे, फरवरी में उनकी संख्या बढ़कर 116.46 करोड़ हो गई।
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