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12:16 AM19 अप्रैल 2024
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फर्स्ट फेज की 9 हॉट सीट…
1. नागपुर (महाराष्ट्र)
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी महाराष्ट्र की नागपुर सीट से चुनाव मैदान में हैं। गडकरी यहां से हैट्रिक लगाने की कोशिश कर रहे हैं। वो पहली बार इस सीट पर 2014 में जीते थे।
उस चुनाव में गडकरी ने सात बार के सांसद कांग्रेस नेता विलास मुत्तेमवार को हराया था। 2019 के चुनाव में गडकरी ने कांग्रेस प्रत्याशी नाना पटोले को मात दी। इस बार कांग्रेस ने विकास ठाकरे को मैदान में उतारा है। वो नागपुर पश्चिम के विधायक हैं।
2. बीकानेर (राजस्थान)
केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल राजस्थान की बीकानेर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। उनका मुकाबला कांग्रेस के पूर्व मंत्री गोविंद राम मेघवाल से है। बहुजन समाज पार्टी ने खेत राम मेघवाल को मैदान में उतारा है। अर्जुन राम मेघवाल पहली बार इस सीट पर 2009 में जीते थे। उन्होंने 2014 और 2019 का चुनाव भी जीता था।
3. अलवर (राजस्थान)
केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव राजस्थान की अलवर सीट से चुनाव मैदान में हैं। उनका मुकाबला कांग्रेस के ललित यादव से है. वो अलवर की मुंडावर विधानसभा सीट से विधायक हैं।
अलवर से 2019 में बाबा बालक नाथ ने लोकसभा का चुनाव जीता था। बीते साल हुए विधानसभा चुनाव में बाबा बालक नाथ विधायक चुने गए हैं। भूपेंद्र यादव का यह पहला लोकसभा चुनाव है। वो 2012 से ही राज्य सभा के सदस्य हैं।
4. छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश)
70 साल से ज्यादा समय से यह सीट कांग्रेस के पास है। बीते 45 साल से यहां नाथ परिवार का मेंबर जीत रहा है। हालांकि, 1997 में हुए उपचुनाव में राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा ने कमलनाथ को 37 हजार से ज्यादा मतों से हरा दिया था। इसके बाद अगले ही साल कमलनाथ ने भी पटवा को बड़े अंतर से हराया।
कमलनाथ यहां 1980 से 2019 के बीच 9 बार सांसद रहे। 2018 में मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने कमान बेटे को सौंपी और 2019 में मोदी लहर के बावजूद नकुलनाथ MP की यह सीट जीतने में कामयाब रहे। इस बार भी कांग्रेस के नकुलनाथ और भाजपा के विवेक बंटी साहू के बीच मुकाबला है। साहू 2019 उपचुनाव और 2023 विधानसभा चुनाव में कमलनाथ के हाथों हार चुके हैं।
5. मंडला (मध्य प्रदेश)
भाजपा ने यहां से 6 बार के सांसद और केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते को मैदान में उतारा है। उनका मुकाबला कांग्रेस के चार बार के विधायक ओमकार सिंह मरकाम से है। इस सीट पर BJP की चिंता इस वजह से बढ़ी हुई है, क्योंकि 6 माह पहले हुए विधानसभा चुनाव के दौरान फग्गन सिंह कुलस्ते को मंडला जिले की निवास सीट से हार का सामना करना पड़ा था। मंडला संसदीय क्षेत्र के तहत आने वाली 8 विधानसभा सीटों में से 5 पर कांग्रेस तो 3 पर BJP का कब्जा है।
6. उधमपुर (जम्मू-कश्मीर)
जम्मू-कश्मीर की उधमपुर-डोडा लोकसभा सीट से तीसरी बार जीत के लिए मैदान में केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह हैं। उन्होंने 2014 में जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद को 61 हजार वोटों से हराया था। इसके बाद 2019 में कांग्रेस प्रत्याशी विक्रम आदित्य सिंह को 3 लाख से ज्यादा वोटों से हराया था। कांग्रेस ने इस बार भाजपा के बागी चौधरी लाल सिंह पर दांव लगाया है।
7. अरुणाचल पश्चिम
केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री किरण रिजिजू चुनाव अरुणाचल पश्चिम सीट से चुनाव मैदान में हैं। रिजिजू इस सीट से पहली बार 2004 में जीते थे। लेकिन उन्हें 2009 के चुनाव में हार का सामना करना पड़ा।
इसके बाद रिजूजू ने 2014 के चुनाव में जीत दर्ज की। वो 2019 में भी अरुणाचल पश्चिम सीट से चुनाव जीते। इस बार उनका मुकाबला पूर्व मुख्यमंत्री और अरुणाचल प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नबाम तुकी से हैं।
8. कूचबिहार (पश्चिम बंगाल)
भाजपा ने इस सीट से केंद्रीय मंत्री निशीथ प्रमाणिक को मैदान में उतारा है, जबकि TMC ने जगदीश चंद्र बर्मा बसुनिया पर दांव खेला है। 2019 में कूचबिहार सीट से BJP उम्मीदवार निशीथ प्रमाणिक सांसद चुने गए थे। 2019 में निशीथ प्रमाणिक को तृणमूल कांग्रेस ने निष्कासित कर दिया था, जिसके बाद वे BJP के टिकट पर कूचबिहार से चुनाव लड़े और जीत गए। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के अधिकारी परेश चंद्र को 54,231 वोटों के अंतर से हराया था।
9. नगीना (उत्तर प्रदेश)
UP के बिजनौर जिले की नगीना लोकसभा सीट इस बार हाई-प्रोफाइल हो गई है। यहां युवा दलित नेता चंद्रशेखर आजाद अपनी पार्टी ‘आजाद समाज पार्टी’ से चुनाव लड़ रहे हैं। इसी वजह से सीट पर मुकाबला चार लोगों के बीच हो गया है। BJP की ओर से यहां नहटौर विधायक ओम कुमार मैदान में हैं तो इंडिया गठबंधन की ओर से पूर्व जज मनोज कुमार हैं।
बहुजन समाज पार्टी की ओर से सुरेंद्र पाल प्रत्याशी हैं। दरअसल, 2019 के मोदी लहर में भी यह सीट बसपा ने जीत ली थी। इस सीट से बसपा के गिरीश चंद्र जाटव ने जीत हासिल की थी, लेकिन मायावती ने उन्हें इस बार बुलंदशहर से मैदान में उतारा है।
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