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नई दिल्ली2 दिन पहलेलेखक: गुरुदत्त तिवारी
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53 सरकारी विभाग और निजी कंपनियों के ई-मेल पब्लिक डोमेन पर लीक कर दिए गए हैं।
देश के साइबर स्पेस की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाली सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ‘कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम’ (सर्ट-इन) खुद हैकिंग की शिकार हो गई है। सर्ट-इन और सरकारी विभागों के बीच के सारे गोपनीय मेल पब्लिक डोमेन पर लीक कर दिए गए हैं।
यह चाइनीज या फिर पाकिस्तानी हैकर्स की करतूत बताई जा रही है। सर्ट-इन में यह इस साल का दूसरा सबसे बड़ा लीक है। इससे पहले फरवरी में बीएसएनएल के कर्मचारियों का ईपीएफओ डेटा लीक हुआ था। इसकी जांच जारी है।
लीक डॉक्यूमेंट में सर्ट-इन के कई कर्मचारी और सिक्योरिटी प्रोजेक्ट तक की जानकारियां हैं। सरकारी विभागों को भेजे कई अहम ई-मेल भी लीक हो गए हैं। इनमें अधिकारियों और कर्मचारियों के मेल और पासवर्ड डार्क वेब पर होने के संबंध में कार्रवाई का जिक्र है।
देश की सबसे बड़ी डिजिटल लैब ईएसएफ की इंटरनल रिपोर्ट भी लीक दस्तावेज में शामिल है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि 53 सरकारी विभाग और निजी कंपनियां रैनसमवेयर अटैक का शिकार बन चुकी हैं।
सर्ट-इन में यह इस साल का दूसरा सबसे बड़ा लीक है। इससे पहले फरवरी में BSNL के कर्मचारियों का EPFO डेटा लीक हुआ था।
दिल्ली और एमपी पुलिस के ई-मेल लीक
- लीक डेटा में दिल्ली पुलिस के कमिश्नर संजय अरोड़ा के ई-मेल भी है। सर्ट-इन को भेजे मेल में पुलिस के नेटवर्क पर अटैक और रिस्पांस से जुड़ी जानकारी दी है।
- एमपी पुलिस के नेटवर्क पर सेंधमारी की जानकारी। इसकी मेल 29 फरवरी को एमपी पुलिस के साइबर एनालिस्ट रविंद्र सिंह राठौड़ ने साइबर टीम को भेजा।
- बीएसएनएल के एक जेटीओ सन्नी शर्मा का मेल। इसमें नेटवर्क पर अटैक की कोशिश और उससे बचने का तरीका बताया गया।
- इंडिया पोस्ट के नेटवर्क पर डीडॉस अटैक हुआ। सर्ट ने विभाग को अलर्ट भेजा था।
- सर्ट ने ऐसा ही अलर्ट देश की सबसे बड़ी वाहन निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी को भेजा। जवाब में मारुति सुजुकी के चीफ इन्फॉर्मेशन सिक्योरिटीज ऑफिसर ने यह बताया कि इन खतरों को कैसे टाला।
अलर्ट के बावजूद विभाग सुरक्षा पर गंभीर नहीं
लीक डॉक्यूमेंट्स के अनुसार, देश के 58 सरकारी विभागों के नेटवर्क में बार-बार सेंधमारी की कोशिश की जा रही है। इसके बावजूद 12 विभाग सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं हैं। लीक दस्तावेज बताते हैं कि सर्ट की ओर से अलर्ट किए जाने के बाद भी विभागों से कोई रिस्पॉन्स नहीं भेजा जाता।
केवल जनवरी में वित्तीय संस्थानों पर 30 बड़े हमले
बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज एंड इंश्योरेंस में सभी बैंकिंग, वित्तीय सेवा और बीमा सेवा प्रदाता कंपनियां आती हैं। इनके साइबर नेटवर्क पर जनवरी में 30 अटैक हुए। इनमें 19 बड़े अटैक थे। 2 बेहद गंभीर थे। नवंबर में कुल 21 अटैक हुए। 14 बड़े और तीन बेहद गंभीर किस्म के थे।
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