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कानोड़िया पी.जी. महिला महाविद्यालय, जयपुर में आइडिएशन समूह और टीचिंग लर्निंग सेंटर द्वारा स्कूल फॉर डेमोक्रेसी के संयुक्त तत्वावधान में छह दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (एफडीपी) “पर्सनल इज़ पॉलिटिकल“ का समापन शनिवार को हुआ। कार्यक्रम का उद्देश्य ल
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महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सीमा अग्रवाल ने समापन समारोह में अपने संबोधन में कहा कि यह एफडीपी शिक्षण के साथ-साथ सामाजिक जिम्मेदारियों की समझ विकसित करने का एक सशक्त माध्यम है। उन्होंने कहा कि हमें अपने विचारों को सीमित नहीं रखना अपितु हमेशा नया सीखना है, इसके साथ ही आयोजनकर्ताओं की सराहना कर उन्हें प्रेरित किया।
कार्यक्रम के समापन दिवस पर मुख्य अतिथि अरुणा रॉय, सामाजिक कार्यकर्ता और लेखिका ने कहा कि इस प्रयास को सतत बनाए रखने के लिए सभी को प्रयास करना होगा और इसके लिए कोई सेक्टोरल थिंकिंग नहीं होनी चाहिए। उन्होंने अपनी पुस्तक पर्सनल इज पॉलिटिकल का संदर्भ देते हुए बताया कि, गांव में स्वतंत्र विचारों वाली स्त्रियां होती है और वे कुछ आधारभूत आंदोलन की नेतृत्वकर्ता रही है। उन्होंने कहा कि इस एफडीपी ने समाज में लैंगिक समानता और लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
डॉ. रेणुका पामेचा और ममता जेटली ने सत्र संचालन, सत्र संतुलन और समेकन पर सकारात्मक अंतर्दृष्टि साझा की है और कहा कि विश्व स्तर पर स्त्रियों की आज़ादी के विभिन्न मुद्दों से जुड़े आंदोलन के लिए सतत् प्रयास करना होगा। महाविद्यालय निदेशक डॉ. रश्मि चतुर्वेदी ने इस अवसर पर कहा कि शिक्षकों को सशक्त बनाकर समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है साथ ही दिनकर की पंक्तियों के साथ बताया कि तटस्थ होना अपराध है।
कार्यक्रम के अंत में डॉ. मोहिता चतुर्वेदी शर्मा ने मुख्य अतिथि, महाविद्यालय के सभी प्रतिभागियों और विशेषज्ञों का आभार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय की 111 प्राध्यापिकाओं ने सक्रिय रूप से भाग लिया और व्यक्तिगत अनुभवों के व्यापक सामाजिक और राजनीतिक संदर्भों को समझने की दिशा में योगदान दिया एवं शिक्षिकाओं द्वारा अपने अनुभव भी साझा किए गए।
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