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भिंड जिले में खाद वितरण से जुड़े अफसरों और कर्मचारियों की लापरवाही और धांधली का मामला सामने आया है। किसानों को लंबे इंतजार के बाद भी खाद नहीं मिल पा रही, जबकि वितरण के नियमों को ताक पर रखकर रात 10 बजे के बाद भी खाद की पर्चियां काटी जा रही हैं। सबसे च
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खाद वितरण में अनियमितता की पोल खुलीखाद वितरण प्रक्रिया के तहत पीओएस मशीन से केवल कार्यदिवस में सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक ही पर्चियां काटने के निर्देश हैं। इसके बाद मशीन विपणन केंद्र पर जमा कर दी जाती है। लेकिन जामना रोड स्थित खाद गोदाम पर रात में पर्चियां काटकर खाद का वितरण किया जा रहा है। ऐसे में संदेह है कि कुछ अधिकारी और कर्मचारी मिलकर इस अवैध काम में शामिल हैं। दैनिक भास्कर टीम ने भी कई ऐसी पर्चियों के साक्ष्य जुटाए हैं, जो उत्तर प्रदेश और दिल्ली के किसानों के नाम पर हैं। जिला सहकारी विपणन के प्रबंधक अमित गुप्ता ने जब इस मामले में सवाल किए गए, तो उन्होंने अनभिज्ञता जाहिर की।
रात 10 बजे के बाद काटी गई यूपी के किसान की पर्ची।
खाद वितरण व्यवस्था और किसान का संघर्ष
किसानों को समय पर खाद उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रशासन ने हर सोमवार टोकन जारी करने की व्यवस्था लागू की है। टोकन मिलने के बाद किसान को पर्ची कटवानी होती है और रुपये जमा करने होते हैं। इसके बावजूद, कई किसानों को खाद पाने में सात-आठ दिन तक मशक्कत करनी पड़ रही है। गुरुवार को भी किसान रात से ही लाइन में खड़े थे, लेकिन दोपहर तक उन्हें पर्ची नहीं मिल सकी। किसानों ने आरोप लगाया कि पर्ची वितरण के समय अधिकारी-कर्मचारी अपने परिचितों को प्राथमिकता दे रहे हैं और अतिरिक्त पैसे लेकर उनकी मदद कर रहे हैं।
भिंड में खाद ले जाते किसान।
किसानों का दर्द और नाराजगी
कई किसानों ने अपने अनुभव साझा किए और अधिकारियों की लापरवाही पर आक्रोश जताया। किसान जय सिंह भदौरिया का कहना है कि टोकन मिले तीन दिन हो चुके हैं, फिर भी पर्ची नहीं कटी। अधिकारी रोज नए बहाने बनाकर उन्हें टाल रहे हैं। वीर सिंह बघेल ने बताया कि वे रात से लाइन में खड़े हैं, लेकिन अभी तक उनका नंबर नहीं आया। मनोज यादव ने कहा कि उन्हें 25 बोरी डीएपी खाद की आवश्यकता है, लेकिन कई दिन की कोशिशों के बाद केवल आठ बोरी ही मिल सकी है, जिससे उनकी फसल पर संकट खड़ा हो गया है।
खाद गोदाम में रखी हुई।
प्रशासन की प्रतिक्रिया और किसान असंतोष
उपसंचालक कृषि विभाग, रामसुजान शर्मा ने कहा कि जामना रोड गोदाम पर अनियमितताओं की जांच जारी है, और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। किसानों की सुविधा के लिए नौ अतिरिक्त काउंटर और चार नए वितरण केंद्र भी खोले गए हैं। रोजाना 300 मीट्रिक टन खाद का वितरण हो रहा है, ताकि सभी किसानों की आवश्यकताएं पूरी हो सकें। हालांकि, किसानों का कहना है कि खाद वितरण में सुधार के वादे कई बार किए गए, लेकिन स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं आया है।
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