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इंडियन ऑयल ने सीएसआर के तहत राजस्थान में क्षय रोग (टीबी) के निदान और प्रारंभिक पहचान के लिए 117 रैपिड मॉलिक्यूलर डायग्नोस्टिक टेस्ट डिवाइस और 50 हैंडहेल्ड एक्स-रे डिवाइस उपलब्ध कराने के लिए राजस्थान सरकार के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इंडियन
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इस अवसर पर राजस्थान के माननीय मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा भी उपस्थित थे। बिनोद कुमार शर्मा, सीजीएम (एचआर), राजस्थान राज्य कार्यालय, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड और डॉ. रवि प्रकाश माथुर, निदेशक (पीएच), चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री, राजस्थान सरकार गजेंद्र सिंह, आईएएस, प्रमुख सचिव – चिकित्सा एवं स्वास्थ्य गायत्री राठौर, की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
आईओसीएल के स्वतंत्र निदेशक डॉ. आशुतोष पंत और डॉ. रवि प्रकाश माथुर, निदेशक (पीएच), चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं, राजस्थान के बीच समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान किया गया। इंडियन ऑयल, राजस्थान में टीबी निदान के लिए 117 आरएमडी परीक्षण उपकरण और 50 हैंडहेल्ड एक्सरे उपकरण प्रदान करने के लिए अपनी सीएसआर योजना के तहत 29.14 करोड़ रुपये का समर्थन राजस्थान सरकार को देगा। साथ ही राष्ट्रीय टीबी प्रचलन सर्वेक्षण (2019-21) के अनुसार, 15 वर्ष से अधिक आयु वर्ग की आबादी में माइक्रोबायोलॉजिकल रूप से पुष्टि किए गए पल्मोनरी टीबी के मामलों की व्यापकता देश के औसत (316 प्रति लाख) की तुलना में राजस्थान (484 प्रति लाख) में अधिक है।
भारत में सालाना वैश्विक टीबी घटनाओं का एक चौथाई से अधिक हिस्सा होता है, जिसमें टीबी से हर 3 मिनट में 2 मौतें होती हैं। इंडियन ऑयल की यह नेक सीएसआर पहल राजस्थान के निवासियों को डायग्नोस्टिक इंफ्रास्ट्रक्चर में इजाफा करके और यह सुनिश्चित करके बड़ी सहायता प्रदान करेगी कि राजस्थान के निवासियों को समय पर महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवा मिले, जिससे कई लोगों की जान बच सकेगी। यह राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) में योगदान करते हुए टीबी उन्मूलन के भारत सरकार के लक्ष्य को प्राप्त करने में भी सहायता करेगा।
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