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गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व बडी धूमधाम से मनाया गया। गुरुद्वारा राजा पार्क में सुबह अमृत वेले से ही नितनेम के पाठ व आसा दी वार के कीर्तन दरबार साहिब अमृतसर से आए हुए रागी जथा भाई दविन्द्र सिंह बटाला ने किया।गुरद्वारा साहिब के सामने भगत सिंह पार्क
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गुरुद्वारा राजा पार्क के हजूरी रागी भाई मस्तान सिंह ने शब्द ‘नानक नाम मिले ता जीवा, तन मन थीवे हरिया’ गायन किया। भाई नवनीत सिंह दरबार साहिब अमृतसर वालो ने ‘कर किरपा तेरे गुण गावा, नानक नाम जपत सुख पावा’ शब्द गायन किया। शिरोमणि कमेटी अमृतसर से आए हुए ज्ञानी प्रभ सिंह ने गुरु नानक जी की साखिया सुनाई व कहा कि गुरुनानक ने अपनी उदासियों (यात्राओं) के दौरान लोगों के पाखंड व भ्रम को दूर किए और सच के राह पर चलने का मार्गदर्शन दिया।
कथावाचक ने यह भी बताया कि जब गुरुनानक जी के पिता मेहता कालू ने जब उनको 20 रुपये देकर व्यापार करने को व सच्चा सौदा नेकी की कमाई करने के लिए भेजा तो गुरुनानक ने देखा कि जंगलों में भूखे और प्यासे साधु जन रह रहे थे तभी गुरुनानक के मन में आया क्यों ना इन्हें लंगर प्रशाद खिलाया जाए, इससे नेक और सच्चा सौदा क्या हो सकता है और उन्होंने ने सभी साधु जनों को लंगर छकाया जिसकी प्रथा सिख समाज में आज तक भी निरंतर चल रही है।
प्रकाश पर्व के अवसर पर राजस्थान बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन सिंह व राजस्थान के प्रभारी, राजस्थान सिख समाज के अध्यक्ष सरदार अजयपाल सिंह, राजस्थान सिख समाज यूथ विंग के अध्यक्ष सरदार देवेंद्र सिंह शंटी, पूर्व पार्षद बलदेव सिंह, राजस्थान सिख बोर्ड के मनिंदर सिंह बग्गा, मैनेजर बलजीत सिंह व समाज के वरिष्ठ लोगो ने माथा टेक कर भले की अरदास की। वही लंगर की सेवा में नौजवान सेवा दल के सिमरदीप सिंह, साकेत सिंह, राजेंद्र सिंह, जसमीत सिंह, हरप्रीत सिंह बेदी, सैबी सिंह, हर्षित गंभीर व अन्य लोगों ने सेवा की।
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सिक्ख समाज के लोगों ने गुरुद्वारे में सेवा की।
गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व दो जुड़वा बहनों ने दरबार को प्रणाम किया।
गुरद्वारा साहिब के सामने भगत सिंह पार्क में मुख्य कीर्तन दरबार सजाया गया।
सिक्ख समाज के युवाओं ने आतिशबाजी कर जश्न मनाया।
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