[ad_1]
गुरुनानक जयंती पर धार्मिक कार्यक्रमों के बाद गुरुद्वारों में लंगर का आयोजन किया गया।
धौलपुर जिले में शुक्रवार को गुरु नानक देव जी की 555वीं जयंती बड़े ही धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाई गई। जिले के सभी गुरुद्वारों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी, जिन्होंने सच्ची श्रद्धा के साथ इस पवित्र पर्व को मनाया। इस अवसर पर सुबह से विभिन्न धार्म
.
सुबह-सुबह गुरुद्वारों से ‘प्रभात फेरी’ निकाली गई, जिसमें भारी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। सिर पर केसरिया पगड़ी, हाथों में निशान साहिब और गले में श्वेत वस्त्र धारण किए हुए श्रद्धालु पूरे जोश और भक्ति के साथ ‘वाहेगुरु’ और ‘सतनाम’ के जयकारे लगाते हुए चलते गए। प्रभात फेरी के दौरान पूरे शहर का वातावरण भक्तिमय हो गया, जिसके बाद गुरुद्वारों के भीतर विशेष कीर्तन दरबार सजाया गया। जहां रागियों ने गुरुवाणी का पाठ किया। इस दौरान भक्तों ने सामूहिक रूप से शबद-कीर्तन गाते हुए गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं का स्मरण किया।
गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने बताया कि इस अवसर पर शहर के गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा, गुरुद्वारा नानकसर और गुरुद्वारा गुरु नानक दरबार में विशेष कार्यक्रम आयोजित हुए। सभी गुरुद्वारों को रंग-बिरंगी लाइटों, फूलों, और सजावटी झूमरों से सजाया गया था। धार्मिक कार्यक्रमों के बाद गुरुद्वारों में लंगर का आयोजन किया गया।
गुरुद्वारों में ‘शबद-कीर्तन’ के साथ-साथ गुरुवाणी के प्रवचन सुनाए गए। जिसमें गुरु नानक देव जी के जीवन और उनकी शिक्षाओं पर प्रकाश डाला गया। वक्ताओं ने बताया कि गुरु नानक देव जी ने ‘नाम जपो, किरत करो और वंड छको’ का संदेश दिया। जो आज के समाज में भी उतना ही प्रासंगिक है। धौलपुर शहर के अलावा, आस-पास के गांवों में भी गुरु नानक जयंती पर विशेष कार्यक्रम आयोजित हुए।
[ad_2]
Source link