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रोहिणी कोर्ट ने 2015 में डकैती के लिए 74 साल की दादी की हत्या करने वाला पोते को दोषी करार दिया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शेफाली शर्मा हर्षित जैन के खिलाफ मामले की सुनवाई कर रही थीं। हर्षित के खिलाफ प्रशांत विहार पुलिस स्टेशन ने केस दर्ज किया था।
रोहिणी कोर्ट ने 2015 में डकैती के लिए 74 साल की दादी की हत्या करने वाला पोते को दोषी करार दिया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शेफाली शर्मा हर्षित जैन के खिलाफ मामले की सुनवाई कर रही थीं। हर्षित के खिलाफ प्रशांत विहार पुलिस स्टेशन ने केस दर्ज किया था।अभियोजन पक्ष के अनुसार, 19 दिसंबर, 2015 को रोहिणी के सेक्टर-13 स्थित बल्लभ विहार सोसायटी में हर्षित ने डकैती के इरादे से अपनी दादी कैलाशवती के सिर पर वार करके और गला घोटकर हत्या कर दी थी।
नौ सितंबर को पारित अपने 87 पेज के आदेश में अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने मामले के संबंध में कई तथ्य स्थापित किए हैं, जिनमें हर्षित की उपस्थिति, उसका मकसद और फोरेंसिक सबूत शामिल हैं। अदालत ने सीसीटीवी फुटेज को भी आधार बनाया है। जिसमें हर्षित अपने साथी के साथ संदिग्ध परिस्थितियों में सोसायटी में प्रवेश करते और बाहर निकलते दिखाई दिया था। अदालत ने कहा कि मौत कपड़े से बंधे धातु के जग और अन्य चोटों के कारण हुई थी, जिसे आरोपी की निशानदेही पर बरामद किया गया था।
जूस पिलाने की कहानी झूठी साबित हुई
हर्षित के चाचा और दादा की गवाही के अनुसार बताया गया सामान बरामद कर लिया गया। हर्षित अपने दादा-दादी के घर में नहीं रहता था, इसलिए यह बताना उसका दायित्व था कि वह उस घर में क्यों गया था। दादा को जूस पिलाने की कहानी पहले ही झूठी साबित हो गई थी। सबूत जमा करने के बारे में बचाव पक्ष के वकील के तर्क को खारिज कर दिया गया। फ्लैट की रसोई किसी तीसरे व्यक्ति के लिए आसान पहुंच वाली जगह नहीं थी।
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