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– फोटो : सोशल मीडिया
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धोखेबाज और ठगों को लोग 420 बोला करते थे। पर, अब भारतीय दंड संहिता ने इनका अंक बदल दिया है। अब 1 जुलाई से भारतीय न्याय संहिता लागू हो चुकी है। इसमें धोखाधड़ी के लिए नई धारा 318 (4) लगाई जा रही है।
वरिष्ठ अधिवक्ता हेमंत भारद्वाज ने बताया कि धोखाधड़ी के साथ कूटरचित दस्तावेज तैयार करने की आईपीसी की धारा 467 की जगह बीएनएस की धारा 338, 468 की जगह 336 (3) और 471 की जगह 340 (2) लगेगी। वहीं दुष्प्रेरण, आपराधिक षड्यंत्र और प्रयत्न के मामलों में धारा 34 की जगह 3 (5), 149 की जगह 190, 120 बी की जगह 61 ओर 511 की जगह धारा 62 लगाया जाएगा।
कोई धोखा देकर या बेईमानी करके किसी दूसरे व्यक्ति को इस तरह से बहकाता है, जिसमें वह अपनी संपत्ति जैसे किसी जायदाद के कागजात बैंक चेक, रकम किसी को साैंप देता है तो दोषी व्यक्ति को 2 वर्ष की सजा से दंडित किया जाएगा। अर्थदंड भी न्यायालय की ओर से लगाया जाएगा।
डिजिटल साक्ष्य भी अहम
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (एडीजीसी) आदर्श चाैधरी ने बताया कि धोखाधड़ी के मामलों में भारतीय न्याय संहिता में संबंधित पीड़ित के प्रार्थनापत्र पर जांच कर केस दर्ज करने का प्रावधान है। जांच में मामला साक्ष्य संकलनों का, जिनमें अभिलेख, प्रपत्र, बहुमूल्य वस्तुएं, डिजिटल चीटिंग की पुष्टि होने पर केस की विवेचना कर आरोप पत्र लगाया जाएगा। साक्ष्य संकलन में वीडियो रिकाॅर्डिंग का भी प्रावधान है, जिनमें संबंधित कूटरचित प्रपत्र या वस्तुएं बरामद होने पर वीडियो रिकाॅर्डेड प्रति में न्यायालय के समक्ष पेश करनी होगी।
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