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टोंक जिले में बजरी माफिया अब इस कदर बेखौफ हो गए है कि बजरी से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली पुलिस पर ही चढ़ाने लगे है। बजरी माफिया अब पुलिस कर्मियों की हत्या तक करने लगे है। अवैध बजरी माफियाओं के इस गोरखधंधे के चलते एक पुलिस कर्मी को अपनी जान गंवानी पड़ी है। ट
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दरअसल टोंक जिले के कोतवाली क्षेत्र में मंगलवार शाम को गश्त कर रहे हेड कॉन्स्टेबल और पुलिस जीप को अवैध बजरी से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली ने टक्कर मारी और टक्कर के बाद ट्रैक्टर-ट्रॉली को लेकर ड्राइवर भाग गया। घायल हेड कॉन्स्टेबल ने जयपुर के SMS हॉस्पिटल में दम तोड़ दिया। बुधवार को पोस्टमार्टम के बाद हेड कॉन्स्टेबल के शव को गांव देवली भांची लाया गया, जहां राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।
बजरी से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली ने हेड कॉन्स्टेबल के साथ पुलिस जीप को भी टक्कर मारी। इससे पुलिस जीप आगे से डेमेज हो गई।
टक्कर मारकर ट्रैक्टर-ट्रॉली ले भागा ड्राइवर
कोतवाली के सीआई भंवरलाल वैष्णव ने बताया कि मंगलवार शाम को कोतवाली में तैनात हेड काॅन्स्टेबल खुशीराम बैरवा (35) और ड्राइवर जीतराम डायल नम्बर 112 वाहन (गश्त के वाहन) में सिंधी श्मशान मोड़ पर खड़े थे। शाम करीब 5.45 बजे वहां से बजरी से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली आती दिखाई दी। पुलिस कार के पास खड़े हेड कॉन्स्टेबल खुशीराम बैरवा ने ट्रैक्टर-ट्रॉली को रोकने का इशारा किया। लेकिन ड्राइवर ने ट्रैक्टर-ट्रॉली रोकी नहीं और पुलिस जीप वे हेड कॉन्स्टेबल खुशीराम को टक्कर मार दी। इसके बाद ड्राइवर बजरी से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली को लेकर भाग छूटा।
बाद में हेड कॉन्स्टेबल को लहूलुहान हालात में सआदत अस्पताल में लाया गया। इसकी सूचना मिलने के बाद अस्पताल में DSP राजेश विद्यार्थी आदि अधिकारियों ने पहुंचकर घायल हेड कॉन्स्टेबल की स्वास्थ्य की जानकारी ली। इसके बाद घायल हेड कॉन्स्टेबल की हालात गंभीर होने पर जयपुर रेफर किया गया। जहां SMS हॉस्पिटल में भर्ती किया जा रहा था, उसी दौरान हेड कॉन्स्टेबल ने मंगलवार रात करीब साढ़े 11 बजे दम तोड़ दिया।
बजरी माफिया ने की हत्या
कोतवाल भंवर लाल वैष्णव ने बताया कि मंगलवार देर रात को आरोपी ट्रैक्टर ड्राइवर जावेद को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके खिलाफ हेड काॅन्स्टेबल खुशीराम बैरवा के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है। अन्य धाराएं भी जांच के हिसाब से जोड़ी जाएगी।
एसपी बोले- न्याय दिलाया जाएगा
एसपी संजीव नैन ने बताया कि आरोपी के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है। पीड़ित परिवार को न्याय दिलाया जाएगा। हमारे परिवार का सदस्य कम हो गया है, इसका दुख है। रही बात अवैध बजरी खनन का तो इस पर लगातार पुलिस कार्रवाई कर रही है। हेड कॉन्स्टेबल की ट्रैक्टर-ट्रॉली चढ़ाकर हत्या करने वाले के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। बजरी माफियाओं के खिलाफ और सख्ती की जाएगी।
सआदत अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद हेड कॉन्स्टेबल खुशीराम बैरवा को जयपुर रेफर किया गया था। जहां उन्होंने दम तोड़ दिया।
राजकीय सम्मान से होगा अंतिम संस्कार
हेड काॅन्स्टेबल खुशीराम बैरवा का राजकीय सम्मान से उसके पैतृक गांव देवली भांची में अंतिम संस्कार किया जाएगा। इधर हेड कॉन्स्टेबल खुशीराम बैरवा के घर में मातम छाया हुआ है। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है।
भीमसेना जिलाध्यक्ष अशोक बैरवा ने बताया कि बजरी माफियाओं पर कठोर कार्रवाई नहीं होने से वे इतना बड़ा अपराध करने से भी नहीं डर रहे है।
तीन बच्चों के सिर से उठा पिता का साया
हेड कॉन्स्टेबल खुशीराम बैरवा किसान परिवार से थे। इनका पैतृक गांव टोंक सदर थाना क्षेत्र के देवली-भांची गांव में है। तीन भाइयों में वे सबसे छोटे थे। खुशीराम के 2 बेटे और 1 बेटी है। बड़ा बेटा हिमांश 5 साल का है, उससे छोटी बेटी गरिमा 3 साल और सबसे छोटा बेटा डेढ़ महीने का है, जिसका अभी तक नाम भी नहीं रखा गया है। साल 2008 में खुशीराम पुलिस में भर्ती हुए थे। वर्ष 2011 में निवाई क्षेत्र के बिछपुड़ी गांव में उनकी शादी हुई थी।
कलेक्टर को ज्ञापन देने जाते लोग।
शहीद का दर्जा देने समेत कई मांगों के लिए कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
हेड कॉन्स्टेबल खुशीराम बैरवा को शहीद का दर्जा देने, हत्या की उच्च स्तरीय जांच कर हत्यारों को सजा देने, आश्रितों को एक करोड़ की सहायता देने, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में मकान देने, बच्चों की निशुल्क शिक्षा की व्यवस्था करने, पैतृक गांव की स्कूल को शहीद खुशीराम के नाम करने आदि मांगों को लेकर लोगों ने कलेक्टर को ज्ञापन दिया है।
ज्ञापन देने वालों में भीमसेना जिलाध्यक्ष अशोक बैरवा, एडवोकेट मूलचंद बैरवा, बनवारी लाल बैरवा, दिनेश बैरवा, विजय, रमेश, लोकेश आशीष बैरवा आदि शामिल थे। ज्ञापन देने परिजनों समेत बैरवा समाज के जिले भर से लोग आए।
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