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जानकारी देता विकास
– फोटो : अमर उजाला
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हिम्मत व धैर्य से किया जाने वाला काम कभी निराश नहीं करता है। इसकी जीती-जागती मिशाल फतेहपुर जिले में सौरा गांव के विकास दुबे (24) हैं। इनको अब तक पांच बार जहरीले सापों ने डंसा है। लेकिन इनकी हिम्मत व हौसलों के कारण इनकी जान बची हुई है। विकास ने बताया कि सांप के डंसने के बाद वह जरा सा भी भयभीत नहीं हुए, और निडर होकर इलाज करवाया। विकास को हर सप्ताह सांप डंसता है।
वह हर बार इलाज से ठीक हो जाता है। पहली बार विकास को सांप ने दो जून को रात में 9 बजे डंसा था। प्राइवेट अस्पताल से ठीक हुए थे। इसके बाद सांपों ने इनका पीछा ही कर लिया और दस जून की रात में फिर साप ने विकास को अपना शिकार बना लिया, हिम्मत व धैर्य के दम पर विकास की फिर जान बच गई। सात दिन बाद 17 जून को फिर से सांप ने डंस लिया। इसमें वह अचेत होने लगे तो परिवारी जनों में हड़कम्प मच गया और प्राइवेट अस्पताल में मौत को मात देकर बच गए।
इसके बाद पांचवे दिन फिर सांप ने विकास को काट लिया और इलाज से बच गए। रिश्तेदारों व डॉक्टरों ने घर से दूर रहने की सलाह दी। वह राधानगर रहने चला गया तो वहां भी शुक्रवार को देर रात करीब 12 बजे सांप ने फिर डंस लिया और बच गया। वहीं डॉक्टर ने बताया कि हर बार सांप के काटने के नए निशान मिलते हैं। एंटी स्नेक वेनम इंमरजेंसी दवाएं देते हैं। इसी से वह ठीक हो जाता है।
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