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नई दिल्ली12 मिनट पहले
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जून 2024 में यूनिफाइड पेमेंट सिस्टम यानी UPI के जरिए 1,389 करोड़ ट्रांजैक्शन हुए। इस दौरान टोटल 2,007 लाख करोड़ रुपए की राशि ट्रांसफर की गई। ट्रांजैक्शन की संख्या में सालाना आधार पर 49% की बढ़ोतरी हुई है।
वहीं, इसके जरिए ट्रांसफर की जाने वाली राशि में 36% की बढ़ोतरी हुई है। एक साल पहले यानी जून 2023 में 934 करोड़ ट्रांजैक्शन के जरिए 14.75 लाख करोड़ रूपए का लेनदेन हुआ था। वहीं, पिछले महीने की तुलना में ट्रांजैक्शन की संख्या में 1% और ट्रांसफर की गई राशि में 2% की कमी आई है।
मई 2024 में UPI के जरिए 20.45 लाख करोड़ का लेनदेन
मई 2024 में UPI के जरिए 1,404 करोड़ ट्रांजैक्शन हुए और इसके जरिए 20.45 लाख करोड़ की राशि ट्रांसफर की गई। UPI को रेगुलेट करने वाली संस्था नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने आज (1 जुलाई) को ट्रांजैक्शन के आंकड़े जारी किए।
UPI को NCPI ऑपरेट करता है
भारत में RTGS और NEFT पेमेंट सिस्टम का ऑपरेशन RBI के पास है। IMPS, RuPay, UPI जैसे सिस्टम को नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ऑपरेट करती है। सरकार ने 1 जनवरी 2020 से UPI ट्रांजैक्शन के लिए एक जीरो-चार्ज फ्रेमवर्क मैंडेटरी किया था।
UPI कैसे काम करता है?
UPI सर्विस के लिए आपको एक वर्चुअल पेमेंट एड्रेस तैयार करना होता है। इसके बाद इसे बैंक अकाउंट से लिंक करना होगा। इसके बाद आपका बैंक अकाउंट नंबर, बैंक का नाम या IFSC कोड आदि याद रखने की जरूरत नहीं होती। पेमेंट करने वाला बस आपके मोबाइल नंबर के हिसाब से पेमेंट रिक्वेस्ट प्रोसेस करता है।
अगर, आपके पास उसका UPI आईडी (ई-मेल आईडी, मोबाइल नंबर या आधार नंबर) है तो आप अपने स्मार्टफोन के जरिए आसानी से पैसा भेज सकते हैं। न सिर्फ पैसा बल्कि यूटिलिटी बिल पेमेंट, ऑनलाइन शॉपिंग, खरीदारी आदि के लिए नेट बैंकिंग, क्रेडिट या डेबिट कार्ड भी जरूरत नहीं होगी। ये सभी काम आप यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस सिस्टम से कर सकते हैं।
UPI अब तेजी से ग्लोबल ट्रांजैक्शन सिस्टम बन रहा है। यानी, इसके जरिए भारत के बाहर भी कई देशों में ट्रांजैक्शन किया जा रहा है…
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