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हनीट्रैप में फंसाकर ठगी करने वाले तीन राज्यों में फैले मेवाती गैंग के जालसाजों के खिलाफ नोएडा पुलिस कड़े एक्शन की योजना बना रही है। ठगों का डेटा तैयार कर गैंगों की पहचान करने और स्थानीय स्तर पर जालसाजों के खिलाफ कार्रवाई की योजना तैयार की जा रही है। इसको लेकर साइबर क्राइम पुलिस अलग-अलग एजेंसियों से संपर्क में भी है।
साइबर क्राइम पुलिस के अधिकारियों के अनुसार, पिछले कुछ समय से शहर में दर्ज हुए साइबर अपराध के मामले की जांच में पता चला कि यूपी, हरियाणा और राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्र में सक्रिय मेवाती गैंग हनीट्रैप की घटनाओं में सबसे आगे हैं। ऑनलाइन विज्ञापन कंपनी के जरिये धोखाधड़ी, फर्जी मुकदमा दर्ज होने का झांसा देना, सोशल मीडिया पर दोस्ती और फर्जी प्रोफाइल बनाकर भी ठगी कर रहे हैं। शहर में साइबर क्राइम थाना और साइबर सेल में दर्ज हुए कुल मामले में एक चौथाई मामले को अंजाम देने वाले अपराधी मेवात से जुड़े पाए गए हैं।
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एसीपी साइबर क्राइम विवेक रंजन राय ने बताया कि हनीट्रैप में शामिल मेवाती गिरोह के जालसाज पहले वॉट्सऐप पर लगे डीपी और अन्य सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म से लोगों की फोटो और उनकी दैनिक जीवन से जुड़ी पोस्ट देखते हैं। इसके बाद अधेड़ और बुजुर्गों को निशाना बनाकर उनके पास वीडियो कॉल करते हैं। इस दौरान चंद सेकेंड में सामने वाले की अश्लील वीडियो बना लेते हैं। इसके बाद ब्लैकमेल कर लाखों रुपये ऐंठते हैं। पीड़ित व्यक्ति शर्म के कारण इस प्रकार के मामले की पुलिस में शिकायत नहीं कर पाता। कई मामलों में जालसाजों के झांसे में फंसकर लोगों ने आत्महत्या तक कर ली है। एसीपी ने बताया कि इस तरह की वारदात को अंजाम देने वाले कई जालसाजों को पूर्व में गिरफ्तार किया जा चुका है। कई गैंग और जालसाजों का डेटा तैयार किया जा रहा है।
तीन राज्यों में फैला हुआ गिरोह
एसीपी ने बताया कि मेवाती गिरोह राजस्थान, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में फैला है। इस कारण इन पर नकेल कसने में अधिक सावधानी बरतनी पड़ती है। मेवात के सक्रिय साइबर जालसाज हनीट्रैप के जरिये जालसाजी के लिए ऑनलाइन कोर्स कर रहे हैं। साथ ही दूसरे को भी ट्रेनिंग दे रहे हैं। साइबर क्राइम के लिए मेवात के कई गांव में यह कोर्स कराया जा रहा है। इसके जरिये साइबर अपराधी बनाने की ट्रेनिंग दी जा रही है। मेवात के कई गांवों में इसका सेंटर है। इनके कई कोडवर्ड और नियम हैं।
जालसाजों को ऐसे पहचानें
मेवाती गैंग के सदस्य ओएलएक्स, फेसबुक आईडी को हैक कर, वीडियो कॉलिंग से सेक्सटॉर्शन, रोजगार का लालच देना, ई-केवाईसी, बैंक लोन, नई तकनीक से होने वाली ठगी करता है। यह गैंग दिल्ली, मुरादाबाद, बरेली जैसी बोली बोलता है। ये लोग संयमित भाषा में बोलेंगे, कभी लगेगा कि आपसे नाराज होकर बोल रहे हैं। अगर कॉल करने वाला तेज आवाज में बात कर रहा है, उसके मुंह से अक्सर तुम निकल रहा है तो समझ लीजिए कि यह राजस्थान का मेवात का गैंग है।
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