[ad_1]
ऐप पर पढ़ें
मध्य प्रदेश के अलीराजपुर के एक घर में पति-पत्नी और तीन बच्चों के शव फंदे से लटकते पाए गए हैं। यह हत्या या फिर आत्महत्या यह अभी साफ नहीं हो सका है। पुलिस ने सभी पांचों मृतकों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस मामले की जांच- पड़ताल में जुटी हुई है। घटना की सूचना के बाद पुलिस के आला अधिकारी सहित एफएसएल की टीम मौके पर पहुंचे हैं। बता दें कि, इस घटना ने आज से ठीक 6 साल पहले दिल्ली के बुराड़ी में हुए मास सुसाइड केस (Burari Mass Suicide Case) की यादों को ताजा कर दिया है। उस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रखा दिया था।
जानकारी के अनुसार, अलीराजपुर जिले के सोंडवा थाना क्षेत्र के राऊड़ी गांव के एक घर के अंदर सोमवार को पति-पत्नी और तीन बच्चों के शव फांसी के फंदे पर लटके मिले हैं। मृतकों की पहचान राकेश उसकी ललिता, बेटी लक्ष्मी, बेटा प्रकाश और अक्षय के रूप में हुई है। मृतकों के रिश्तेदारों ने इनकी हत्या की आशंका जताई है। पुलिस हर एंगल से इस घटना की जांच कर रही है।
वारदात की सूचना पाकर एसपी राजेश व्यास भी मौके पर पहुंच गए हैं। पुलिस परिजन के बयान ले रही है। ग्रामीणों का कहना है कि परिवार के मुखिया या किसी सदस्य ने कभी किसी परेशानी का जिक्र नहीं किया था। राकेश के काका सुबह घर पहुंचे तो इस घटना की जानकारी लगी। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई।
क्या है बुराड़ी कांड
गौरतलब है कि, देश की राजधानी दिल्ली के बुराड़ी सामूहिक आत्महत्या कांड को हुए आज 6 साल बीत गए हैं। बुराड़ी के संत नगर के एक घर में 1 जुलाई 2018 को परिवार के 11 लोगों द्वारा एक साथ सामूहिक आत्महत्या का मामला सामने आया था। यह घटना देशभर में लंबे समय तक सुर्खियों में बनी रही थी। मकान के अंदर का मंजर देखकर लोगों का दिल दहल गया था। शुरुआत में यह मामला हत्या का लग रहा था, लेकिन मकान के दरवाजे पर लगे सीसीटीवी कैमरे और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से साफ हो गया कि पूरे परिवार ने सामूहिक आत्महत्या की है। परिवार के मुखिया ललित भाटिया ने तंत्र-मंत्र के चक्कर में पड़कर अपने साथ पूरे परिवार को आत्महत्या करने के लिए मजबूर कर दिया था।
[ad_2]
Source link