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खैरथल-तिजारा जिले में सिक्योरिटी गार्ड के ब्लाइंड मर्डर केस में पुलिस ने खुलासा कर दिया। इस मामले में तिजारा डीएसपी शिवराज सिंह ने बताया कि, इस मर्डर के मुख्य आरोपी खुद गार्ड की पत्नी और उसके दो प्रेमी हैं। इन्होंने एक प्लान के तहत शुक्रवार को शेखपुर
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तिजारा डीएसपी शिवराज सिंह ने बताया कि, 28 जून को रात 12 बजे पुलिस को सूचना मिली थी कि रामबास झोपडी कट से थोडा आगे सड़क के किनारे एक व्यक्ति की लाश पडी हुई है। सूचना के बाद थाने का हैड कांस्टेबल रमजान रामबास झोपडी को जाने वाले कट से तिजारा की तरफ थोडा आगे पहुंचा तो सड़क के किनारे पर तारबंदी के पास एक व्यक्ति की लाश लहुलुहान हालात मे पडी हुई थी, जिसकी गर्दन को धारदार हथियार से काट दिया गया था।
शुक्रवार को शेखपुर अहीर थाना से महज 2 किलोमीटर दूर पुलिस को इंद्रपाल को गला रेता हुआ शव मिला था।
मौके पर ही पुलिस को मिले कई सबूत
पुलिस के शव के पास स्कूटी की नंबर प्लेट भी पड़ी हुई मिली थी, जिस पर खून लगा हुआ था। घटनास्थल के करीब 10 फीट दूर एक सफेद रंग का पतला तौलिया, जिस पर खून लगा हुआ था। वहीं 30 फीट दूर सडक की तारबंदी के बाहर खेत में एक काले रंग का हेलमेट भी मिला, उसपर भी खून लगा हुआ था। आगे तलाशी ली गई तो तिजारा से भिवाडी की ओर जाने वाली सडक पर सैनी कृषि फार्म हाउस के सामने एक स्कूटी बिना नम्बरी एक्टिवा खडी मिली, जिस पर खून लगा हुआ था। पुलिस ने इन सभी सबूतों को अपने कब्जे में लिया हत्या का मामला दर्ज करते हुए मामले की जांच शुरू की।
पुलिस को घटना स्थल से मिली वाहन की नंबर प्लेट की मदद से वाहन मालिक का पता लगाया तो मृतक की पहचान इन्द्रपाल (32) पुत्र कृष्ण कुमार जाट निवासी हंजीरी, सिरसा हरियाणा के रूप में हुई।
वारदात के बाद से ही फरार थे आरोपी
जांच करते हुए पुलिस इन्द्रपाल के घर बनबीरपुर खुशखेडा पहुंची। वहां आस-पड़ोसियों से मृतक और मृतक की पत्नी के बारे मे पूंछताछ की। इन्द्रपाल के मोबाइल नंबर पर आने वाला आखिरी फोन किसी कुलदीप (37) पुत्र महेन्द्र, निवासी भाभलपुर बल्लभगढ फरीदाबाद (हरियाणा) का था। कुलदीप का पता भी इन्द्रपाल के सोसाइटी का मिला।
पुलिस ने उनके घर जाकर पता किया तो पड़ोसियों से पता चला कि वारदात के दिन से ही कुलदीप (37), उसका एक और साथी बालाकांत (50) जो कि हैदराबाद का रहने वाला था वो फरार थे। वहीं इंद्रपाल की पत्नी शशी (35) वारदात से 15 दिन पहले से ही फरार हो चुकी थी। इसके बाद पुलिस ने एक टीम बनाकर तीनों को खुशखेड़ा में ही एक किराए के मकान से गिरफ्तार कर लिया।
डीएसपी शिवराज सिंह सिक्योरिटी गार्ड के ब्लाइंड मर्डर केस में खुलासा करते हुए।
तीनों के थे आपस में अवैध संबंध
डीएसपी शिवराज सिंह के मुताबिक, पुलिस पूछताछ में तीनों ने कबूल किया है कि तीनों के आपस में अवैध संबंध थे। इंद्रपाल उनके बीच रुकावट बन रहा था। इसलिए उसे रास्ते से हटाने की प्लानिंग की।
प्लान के मुताबिक कुलदीप और बालाकांत ने वारदात से 15 दिन पहले इंद्रपाल की पत्नी शशी को खुशखेडा ईलाके में एक कमरा दिला दिया। शशि इंद्रपाल को बिना बताए वहां रहने चली गई। इससे इंद्रपाल ने ये समझा कि उसकी पत्नी उस छोड़ कर कहीं भाग गई है।
सुनसान रास्ते में चाकू से गला रेता
इसके बाद बालकान्त और कुलदीप ने इंद्रपाल को बताया कि वो तिजारा में किसी बाबा को जानते हैं जो बता देगा कि उसकी पत्नी कहां है। इंद्रपाल उनके झांसे में आ गया। 28 जून की इंद्रपाल उनके साथ बाबा के पास जाने के लिए तैयार हो गया। देर शाम इंद्रपाल अपनी स्कूटी पर ही दोनों को लेकर तिजारा के लिए रवाना हुआ। रामबास झोपडी कट के पास सुनसान सड़क देखकर कुलदीप और बालाकांत ने स्कूटी रुकवाकर इंद्रपाल के गले पर चाकू से वार कर दिया और मौके से फरार हो गए।
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