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डॉ. सुरेश बाघमारे पर्यावरण विशेषज्ञ
एक्सपर्ट ने कहा: कचरा भरा तो बोरिंग का पानी होगा जहरीला
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खदान ठेकेदारों को आर्थिक फायदा पहुंचाने के लिए खनिज विभाग के अधिकारी शताब्दीपुरम की 250 फीट गहरी खदानों के गड्ढों को शहर के कचरे से भरवाने की तैयारी कर रहे हैं। लेकिन, इसके दुष्परिणाम आने वाले समय में शताब्दीपुरम, मऊ, जमाहर, विक्रमपुर, दीनदयाल नगर, महाराजपुरा, गोला का मंदिर, आदित्यपुरम, मुरैना लिंक रोड आदि क्षेत्र के लोगों को भुगतने होंगे। क्योंकि इस कचरे में रिसने वाले काफी पार्ट होते हैं और उनसे जल स्रोत प्रदूषित हो जाएंगे और जहरीला पानी निकलेगा। फिर वही पानी उपयोग होने से लोगों में कई तरह की बीमारियां फैलने लगेंगी।
वहीं, अफसरों की इस मनमर्जी के खिलाफ नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में भी शिकायत की गई है। जिसमें बताया गया है कि अधिकारी शासन के नियम और आदेशों की अवहेलना करने में जुटे हैं।
एक्सपर्ट व्यू –-डॉ. सुरेश बाघमारे पर्यावरण विशेषज्ञ
मिट्टी या फ्लाएश से भरें गड्ढे, कचरे से बढ़ेगा प्रदूषण, बीमारी भी बढ़ेगी
खदानों के गड्ढों को कचरे से भरना बहुत ही गलत निर्णय होगा। ऐसा करने पर आसपास के लोगों को लंबे समय तक अपने स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव झेलने पड़ेंगे। कचरे में कई आयटम ऐसे होते हैं जो कि रिस-रिस कर नलकूप, बोरिंग, हैंडपंप, कुंए में पहुंच जाते हैं और पानी को प्रदूषित करते हैं। इस प्रदूषित पानी का ट्रीटमेंट भी संभव नहीं होता है और ये पानी कई प्रकार की बीमारियां फैलाता है। इसके अलावा कचरे में शामिल सामान से जहरीली गैस बनती रहती है, जो कि एक समय के बाद जमीन के ऊपर अपना असर फैलाती है और वायु प्रदूषण के साथ लोगों को बीमार करती है। खदानें भरने के लिए मुरम, मिट्टी या फिर फ्लाइएश का उपयोग किया जाना चाहिए।
शिकायत: नियम व शर्तों का पालन नहीं करा रहे अफसर
शताब्दीपुरम की खदानों के गड्ढों को लेकर अमित शर्मा ने एडवोकेट अवधेश सिंह तोमर के माध्यम से एनजीटी के चैयरमेन दिल्ली और भोपाल स्थित एनजीटी बेंच को शिकायत भेजी है। जिसमें बताया है कि शताब्दीपुरम में कई वर्षों तक खनन कर खदानों के गड्ढे छोड़ दिए गए हैं। खनिज नियम और पट्टा अनुबंध की शर्तों में ये गड्ढे ठेकेदारों को भरवाने थे। लेकिन जिला खनिज अधिकारी ठेकेदारों को आर्थिक लाभ देने के लिए गड्ढे निगम के कचरे से भरने की तैयारी में है। एनजीटी में 173/2023 पर इस मामले की सुनवाई भी चल रही है।
निगम को डंप यार्ड बनाने का दिया है प्रस्ताव
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