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मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल मंदिर की भस्म आरती में सावन माह के पहले वीआईपी प्रोटोकॉल शनिवार और रविवार बंद करने की संभावना जताई जा रही है। इस मामले को लेकर मंदिर समिति की बैठक में निर्णय होने की संभावना है हालांकि कलेक्टर नीरज सिंह ने इस बारे में पुष्टि कर दी है। इस नई व्यवस्था के लागू होने से भस्म आरती में 700 सामान्य श्रद्धालुओं को अधिक प्रवेश मिल सकेगा। दरअसल ऐसा करने के पीछे मंदिर समिति का उद्देश्य है कि सावन में उमड़ने वाले श्रद्धालुओं को ज्यादा से ज्यादा संख्या में बाबा महाकाल की भस्मारती और दर्शन का लाभ दिलाना है। हालांकि इस पर मंदिर समिति की बैठक में आधिकारिक निर्णय होना अभी बाकी है।
उज्जैन में महाकाल लोक बनने के बाद महाकालेश्वर मंदिर में देश भर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन हेतु पहुंच रहे हैं। बताया जा रहा है कि सोमवार से शुक्रवार तक रोज करीब 1 लाख श्रद्धालु पहुंचते हैं और यह संख्या शनिवार-रविवार को करीब डेढ़ से दो लाख तक हो जाती है। इनमें से करीब 10 से 15 हजार से ज्यादा श्रद्धालु भस्म आरती में शामिल होना चाहते हैं। लेकिन महाकाल भस्म आरती में सीमित संख्या होने के कारण 1800 भक्त ही शामिल हो पाते हैं। फिलहाल की व्यवस्था के अनुसार इनमें से 700 के करीब लोग वीआईपी प्रोटोकॉल परमिशन के जरिए शामिल होते हैं। वहीं शनिवार और रविवार इन वीआईपी प्रोटोकॉल परमिशन बंद होने से सामान्य श्रद्धालुओं को अधिक फायदा होगा। फिलहाल इन्हें ऑफलाइन और ऑनलाइन परमिशन में बांटा जाएगा, जिससे श्रद्धालु घर बैठे और मंदिर आकर विंडो से परमिशन बनवा सकेंगे।
700 प्रोटोकॉल परमिशन रोज ऑफलाइन बनती है
महाकाल मंदिर समिति के द्वारा वीआईपी भस्म आरती परमिशन प्रोटोकॉल के हिसाब से अलग-अलग बांटी गई है, जिसमे पंडे-पुजारियों को वीआईपी दर्शन की 300 परमिशन दी गई हैं, इसमें मंदिर पुजारी समेत पुरोहित भी शामिल हैं। इसके अलावा 400 भस्म आरती परमिशन जिला प्रोटोकॉल, मीडिया, जनप्रतिनिधि, अधिकारी समेत न्याय विभाग, मंत्री, विधायक, सांसद मिलाकर करीब 400 परमिशन रोजाना बनती हैं। इस प्रकार कुल 700 परमिशन वीआईपी दर्शन के तहत बनाई जाती हैं। यह सुविधा अब शनिवार-रविवार को आम श्रद्धालुओं को मिलने लगेगी।
यूं मिलती है सामान्य श्रद्धालु को भस्म आरती परमिशन
मंदिर समिति द्वारा सामान्य श्रद्धालुओं को मंदिर के काउंटर पर आकर सुबह लाइन में लगकर परमिशन बनवानी पड़ती है। ये संख्या 300 के करीब है। यह भस्म आरती की परमिशन ऑफलाइन ऑनलाइन के माध्यम से होती है। ऑफलाइन परमिशन के लिए भक्तों को एक दिन पहले मंदिर में टिकट विंडो पर पहुंचकर अनुमति लेना होती है, जो निःशुल्क रहती है। वहीं, ऑनलाइन माध्यम से होने वाली परमिशन के लिए श्रद्धालु मंदिर की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन परमिशन करवा सकते हैं। इसके लिए 200 रुपए शुल्क देना होता है।
तीन माह पहले कर सकते हैं ऑनलाइन बुकिंग
श्री महाकालेश्वर मंदिर की वेबसाइट www.shrimahakaleshwar.com पर जाकर एडवांस बुकिंग के ऑप्शन पर क्लिक कर आगामी तीन महीने पहले की भस्म आरती के लिए बुक कर सकते हैं। महाकाल मंदिर समिति के अध्यक्ष और कलेक्टर नीरज सिंह ने बताया कि शनिवार और रविवार मंदिर पर भीड़ अधिक रहती है। मंदिर में कुछ नए नियम लागू हुए हैं। उसी को देखते हुए शनिवार-रविवार को भस्म आरती में मिलने वाला वीआईपी दर्शन खत्म करने जा रहे हैं। अगले माह यानी सावन से इसकी शुरुआत होने की संभावना है। यह नई व्यवस्था लागू होने से 700 से ज्यादा आम श्रद्धालुओं को भस्म आरती में प्रवेश मिलने लगेगा। भस्म आरती में पहले 1800 लोगों को प्रवेश मिलता था, लेकिन मंदिर में इसी साल होली पर आग लगने की घटना के बाद यह संख्या 1700 कर दी गई। इसमें भी 400 ऑनलाइन परमिशन आम भक्तों के लिए, जो घर बैठे ली जा सकती है।
रिपोर्ट विजेन्द्र यादव
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