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केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ के द्वारा राष्ट्रीय कृषि उच्चतर प्रसंस्करण संस्थान नामकुम में एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत चंदन के पौधे लगाए गए। शिवराज सिंह ने संस्थान का परिभ्रमण किया एवं सभ
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इसके अंतर्गत भारतीय जैव प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक डॉ. सुजय रक्षित द्वारा उनके संस्थान की गतिविधियों शोध कार्यक्रम एवं शिक्षा कार्यक्रम आदि के बारे में बताया गया। राष्ट्रीय कृषि उच्चतर प्रसंस्करण संस्थान के निदेशक डॉक्टर अभिजीत कर ने संस्थान की गतिविधियों, कार्यक्रमों, शोध कार्यक्रम, शिक्षा कार्यक्रम आदि के बारे में संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि अन्य राज्यों में लाख को कृषि का दर्जा दिया जाए तो किसानों की आय बढ़ेगी।
अनुसंधान केंद्र के अध्यक्ष डॉ. अरुण कुमार सिंह ने अपने संस्थान में हो रही गतिविधियों, शोध कार्यों, प्रशिक्षण कार्यों, आदि के बारे में संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया। केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि यह सौभाग्य है कि मंत्रालय का जिम्मा मिलने के बाद पहली बार मैं अपने कार्य का श्रीगणेश रांची से कर रहा हूं। झारखंड में आकर मैने जमीनी दौरा किया। प्रधानमंत्री का जो संकल्प है विकसित भारत के लिए उसके लिए विकसित खेती जरूरी है। इसके लिए रोडमैप तैयार किया जा रहा है। खेत से लेकर प्रयोगशालाओं तक किसानों को जोड़ा जाएगा।
कहा कि झारखंड में कृषि को लेकर अपार संभावनाएं हैं। वैज्ञानिकों से आह्वान किया कि पारंपरिक कृषि के साथ-साथ अन्य संगत कृषि प्रणालियों एवं आय बढ़ाने के साधनों से संबंधित शोध कार्यों एवं आधुनिक तकनीकों द्वारा किसानों की प्रगति संभव है। इससे उनकी आय बढ़ेगी और देश सुदृढ़ होगा। कार्यक्रम में रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ, विरंची नारायण, पांकी विधायक शशिभूषण मेहता, बीएयू के कुलपति डॉ. एससी दुबे, आरती सिंह, आरती कुजूर, सुरेन्द्र महतो, जैलेन्द्र कुमार, राकेश भास्कर, रामावतार केरकेट्टा व अन्य थे।
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