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मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश के लोगों को बड़ी खुशखबरी दी है। उन्होंने इंदौर-उज्जैन मेट्रो ट्रेन को लेकर समीक्षा बैठक में यह फैसला लिया है कि आने वाले समय में इंदौर एयरपोर्ट से महाकाल मंदिर तक वंदे मेट्रो चलाई जाएगी। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि भोपाल के बाद इंदौर और उज्जैन अब तीसरा मेट्रो वाला शहर होगा। बताया जा रहा है कि सिंहस्थ 2028 से पहले यह काम पूरा हो जाएगा।
बता दें की इंदौर से उज्जैन तक मेट्रो चलाने के लिए फिजिबिलिटी सर्वे हो चुका है। मेट्रो के लिए इंदौर में 25 और भोपाल में 27 ट्रेनों का संचालन अलग-अलग रूटों पर किया जाएगा। इंदौर में 31.3 किलोमीटर में काम चल रहा है। जबकि भोपाल में कुल 16.7 किमी का काम है।
इन शहरों को भी मिलेगी सौगात
सीएम डॉ. यादव ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास कार्यालय स्थित समत्व भवन में हुई बैठक में भोपाल और इंदौर के मेट्रो प्रोजेक्ट की प्रगति की समीक्षा के बाद कहा कि सुगम यातायात के लिए प्रदेश के बड़े नगरों जैसे भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन में मेट्रो के साथ वंदे मेट्रो, रोप-वे, इलेक्ट्रिक-बस और केबल-कार जैसे साधनों का उपयोग किया जाएगा। आगामी आवश्यकताओं की दृष्टि से स्थानीय जनप्रतिनिधियों को विश्वास में लेकर आवश्यक प्रबंध किए जाएंगे। यातायात के विकल्पों के उपयोग के अंतर्गत उज्जैन से ओंकारेश्वर रूट, भोपाल से इंदौर, जबलपुर से ग्वालियर के लिए भी विचार कर जरूरी निर्णय लिए जाएंगे। उज्जैन से ओंकारेश्वर रूट, भोपाल से इंदौर, जबलपुर से ग्वालियर के लिए भी विचार किया जा रहा है।
सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा की प्रदेश के बड़े नगरों के लिए नए ट्रैफिक प्लान की जरूरत को देखते हुए राज्य सरकार महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है। इस दिशा में सबसे महत्वपूर्ण इंदौर-उज्जैन के मध्य मेट्रो ट्रेन के संचालन का निर्णय शामिल है, जो सिंहस्थ 2028 में श्रद्धालुओं के लिए आवाजाही की सुविधा की दृष्टि से भी उपयोगी होगा। इंदौर-उज्जैन के मध्य मेट्रो चलाने से संबंधित फिजिबिलिटी सर्वे की रिपोर्ट प्राप्त हुई है। आने वाले समय में इंदौर एयरपोर्ट से महाकाल मंदिर तक वंदे मेट्रो की सुविधा प्रदेशवासियों और देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए एक अहम सौगात होगी।
वंदे मेट्रो सर्किल ट्रेन चलेंगी
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से हाल ही में हुई चर्चा के अनुसार मध्यप्रदेश में अलग-अलग शहरों के लिए वंदे मेट्रो चलाने पर सहमति हुई है। पुरानी मेट्रो के स्थान पर वंदे मेट्रो सर्किल ट्रेन नागरिकों के लिए एक बड़ी सौगात होगी। ऐसे नगरों में जहां ट्रैफिक का दबाव बढ़ रहा है, वहां मेट्रो ट्रेन संचालन की दृष्टि से समेकित रूप से योजना बनाने के लिए सर्किल ट्रेन की सुविधा शुरू करने पर सहमति बनी है। भोपाल में एम्स से करोंद चौराहे तक कुल 16.74 किलोमीटर की लंबाई में मेट्रो की लाइन तैयार करने का कार्य तीन चरणों में पूरा होगा। प्रथम चरण सात किलोमीटर का है, जिसमें 8 स्टेशन (एलिवेटेड) शामिल हैं। इंदौर मेट्रो की प्रगति पर भी बताया गया कि कुल 31.32 किलोमीटर में कार्य हो रहा है। इंदौर में कुल 28 स्टेशन बनेंगे।
मेट्रो ट्रेन में यात्रियों को मिलेंगी सुविधाएं
बताया जा रहा है की मेट्रो स्टेशन पर अनेक जनसुविधाएं रहेंगी इसमें यात्रियों के सामान सुरक्षा जांच, यात्री सुरक्षा जांच, पेयजल, वॉशरूम, प्राथमिक चिकित्सा, व्हीलचेयर, स्ट्रेचर, मैनुअल कॉल पॉइंट, अग्निशामक उपकरण, लिफ्ट, स्वचालित सीढ़ियां, प्लेटफार्म स्क्रीन डोर, यात्री मार्ग नक्शा, यात्री सूचना प्रणाली, आपातकालीन स्टॉप पलन्जर, आपातकालीन ट्रिप प्रणाली, आपातकालीन सहायता बटन, प्रतीक्षा बेंच शामिल हैं। इसी तरह ट्रेन में उपलब्ध सुविधाओं में एयर कन्डिशनिंग, ग्रैब पोल और ग्रैब हैन्डल, बैठक व्यवस्था, मार्गदर्शिका, यात्री उद्वघोषणा, कैमरा एवं मोबाइल चार्जिंग पाइंट, आपातकालीन संचार प्रणाली, आपातकालीन निकासी द्वार, धुआं/आग डिटेक्शन शामिल हैं।
वन्दे मेट्रो, रोपवे केबल कार की भी सुविधा
मुख्यमंत्री डॉ. यादव की रेल मंत्री से मेट्रो ट्रेन की स्पीड से अधिक स्पीड से चलने वाली वंदे मेट्रो के संचालन, अत्याधुनिक तकनीक के प्रयोग और पीथमपुर-देवास जैसे औद्योगिक क्षेत्रों को लाभान्वित करने के संबंध में भी चर्चा हुई है। साथ ही प्रदेश में कुछ नगरों में उपलब्ध नेरो-गेज और अन्य रेल लाइन का उपयोग करने के संबंध में कहा कि इसका सर्वे के साथ अध्ययन पूर्ण किया जाए ताकि वर्तमान में उपयोग में नहीं आ रहे रेल ट्रैक का उपयोग किया जा सके। समीक्षा बैठक के बाद जानकारी दी गई कि इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन में मेट्रो के साथ वंदे मेट्रो, रोपवे, इलेक्ट्रिक-बस और केबल-कार जैसी सुविधाएं भी मिलेंगी।साथ ही महिलाओं, दिव्यांग जन का विशेष ध्यान रखा जाएगा। शिशु देखभाल कक्ष भी रहेगा। दिव्यांग जन के लिए शौचालय में कॉल बटन, सहायता कर्मी, सड़क से लिफ्ट तक रैम्प, स्पर्श पथ और व्हीलचेयर की सुविधा रहेगी। केंद्रीकृत नियंत्रण कक्ष से सम्पूर्ण मॉनिटरिंग की व्यवस्था रहेगी।
रिपोर्ट: विजेन्द्र यादव
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