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जालोर के ग्रेनाइट व्यापारी के बेटे के किडनैप की कहानी झूठी निकली। व्यापारी के बेटे ने पैसों के लिए कहानी रची थी। पुलिस की 7 टीमों ने 2 रात और 3 दिन तक 100 से ज्यादा कैमरे खंगालकर गुरुवार को मामले की तह तक पहुंच गए। रणकपुर के रास्ते में पुलिस ने व्याप
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अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रामेश्वरलाल ने बताया- जालोर के कोतवाली थाना इलाके में रहने वाले ग्रेनाइट व्यापारी रतन लोहार का बेटा सोमवार को गायब हो गया था। इसके बाद रतन लोहार के पास शाम 5.30 के करीब धमकी भरे मैसेज आए। लिखा था कि बेटे को जिंदा देखना चाहते हो तो 6 लाख कैश और ग्रेनाइट पत्थर में चमक लाने के लिए बनाई जाने वाली बट्टी का फॉर्मूला लेकर बताए हुए पते पर आ जाओ। रतन लाल ने किडनैपिंग और फिरौती का केस दर्ज कराया।
जालोर की कोतवाली पुलिस के मुताबिक राजेंद्र ने खुद के अपहरण की झूठी कहानी गढ़ी थी।
इसके बाद सामने आया कि व्यापारी के बेटे राजेंद्र (25) ने खुद ही अपने अपहरण की झूठी कहनी रची थी। गुरुवार शाम 4.15 बजे राजेंद्र को देसुरी-रणकपुर के बीच के रास्ते से पकड़ लिया। वह यहां सड़क से कुछ दूर झाडियों में आराम कर रहा था। राजेंद्र से पुलिस पूछताछ कर रही है। मामले का खुलासा शुक्रवार सुबह किया जाएगा।
रामेश्वरलाल ने बताया- राजेंद्र ने पुलिस का काफी छकाया। पुलिस ने 48 घंटे तक लगातार उसकी तलाश की। जैसे-जैसे राजेंद्र की लोकेशन मिली, उस क्षेत्र में पुलिस की टीमें पहुंचीं और तकनीकी सहायता लेकर उसे ढूंढने की कोशिश की। इधर अभय कमांड व साइबर टीमें भी लगातार उसे ट्रैस कर रही थी। राजेंद्र के पास आईफोन था, इसलिए उसकी लोकेशन आसानी से ट्रैस नहीं हो पा रही थी।
पुलिस को जहां भी सीसीटीवी फुटेज में राजेंद्र नजर आया, वह अकेला था। ऐसे में शक हुआ कि उसने किडनैप की कहानी रची है।
कोतवाली थाने में मौजूद किडनैप की झूठी कहानी रचने वाला राजेन्द्र।
फैक्ट्री जाने की कहकर घर से निकला, फिर गायब हो गया
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रामेश्वरलाल ने बताया- राजेंद्र सोमवार को अपने घर से दोपहर को भोजन कर ग्रेनाइट फैक्ट्री जाने के लिए निकला था। वह अपने घर थर्ड फेज से धवला होते हुए नारायणावास गया। वहां से बरलूट होते हुए सिरोही पहुंच गया। पुलिस को वह सिरोही के गोयली चौराहे पर वह कैमरे में दिखा। उसने अपना मुंह रुमाल से ढंक रखा था। इसी जगह से उसने सोमवार शाम फिरौती का पहला मैसेज किया। इसके बाद वह जालोर की ओर लौटा। उसने बुडतरा नदी के आसपास से दूसरा मैसेज किया। यहीं उसके पिता रतन लोहार पुलिस के साथ फिरौती की रकम सहित पहुंचे।
उसने धमकी में कार का इंडिकेटर चालू रखकर लोकेशन (छिपाड़वारा-हरजी के बीच) पर आने की धमकी दी थी। लेकिन मंगलवार को कई गाड़ियां देख उसने डील रद्द कर दी। इसके बाद की रात 2:50 बजे फोन बंद कर दिया। बुधवार दोपहर 1:20 बजे उसने अपना फोन कुछ देर के लिए खोला। इस दौरान उसकी लोकेशन समदड़ी के पास जाणियाणा गांव के नजदीक मिली।
गुरुवार को राजेंद्र ने कई बार फोन ऑन किए। दोपहर को फोन ऑन किया तो नेतरा लोकेशन मिली। इस पर जालोर व आहोर थानाधिकारी और डीएसटी प्रभारी वहां पहुंचे। इसके बाद रानी-खीमेल के आसपास उसकी लोकेशन मिली। इसके बाद पाली पुलिस की मदद से उसे गुरुवार शाम 4:15 बजे के रणकपुर के रास्ते पकड़ लिया गया।
राजेंद्र ने साजिश क्यों रची, उसे 6 लाख रुपए की जरूरत और फार्मूला क्यों चाहिए था। इसका खुलासा पुलिस शुक्रवार को कर सकती है।
किडनैप की कहानी का खुलासा कर राजेन्द्र 48 घंटों तक लगातार मेहनत कर दस्तयाब करने पर ग्रेनाइट एसोसिएशन ने माला पहनाकर पुलिस का किया स्वागत।
किडनैप मामले में पुलिस की मेहनत व 48 घंटों में राजेन्द्र को दस्तायाब कर जालोर लाने पर ग्रेनाइट एसोसिएशन के अधिकारियों व सदस्यों ने एसपी, डीएसपी, थाना अधिकारी सहित पुलिस टीम का माला पहनाकर स्वागत किया गया।
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