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IMD Monsoon Rain Latest Update Date : भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा है कि 10 दिनों की सुस्ती के बाद दक्षिण-पश्चिम मॉनसून गुरुवार को उत्तर की ओर बढ़ चला है। यह पिछले कई दिनों से गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और दक्षिणी आंध्र प्रदेश में ठिठका पड़ा था लेकिन जलवायु दशाओं में बदलाव के कारण गुरुवार को मॉनसून उत्तर की तरफ बढ़ चुका है। IMD ने ताजा पूर्वानुमानों में कहा है कि अगले तीन से चार दिनों के दौरान मॉनसून गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, ओडिशा, गंगा और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ और हिस्सों को कवर कर लेगा और इस दौरान वहां भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है।
IMD ने कहा है कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के आगे बढ़ने की परिस्थितियां अनुकूल बनी हुई हैं। विभाग के मुताबिक बंगाल खाड़ी की मॉनसून भी गुरुवार को पिछले दो हफ्ते के ठहराव के बाद पूर्वी बिहार के कुछ जिलों में आगे बढ़ चली है। उसके दो से तीन दिनों के अंदर पूरे बिहार में छा जाने की संभावना है। इस बीच बिहार से लेकर यूपी, झारखंड और दिल्ली -एनसीआर तक आसमान में बादलों ने डेरा डाल रखा है। वातावरण में आर्द्रता भी बनी हुई है। दिल्ली में गुरुवार को आर्द्रता 67 प्रतिशत से 46 प्रतिशत के बीच रही।
IMD ने बताया कि गुरुवार को अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस रहा जो मौसम के औसत तापमान से एक डिग्री अधिक है जबकि न्यूनतम तापमान 29.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो मौसम के औसत तापमान से दो डिग्री सेल्सियस अधिक है। आईएमडी ने कहा, “वर्तमान पश्चिमी विक्षोभ और बंगाल की खाड़ी से आने वाली निचले स्तर की पूर्वी हवाओं के प्रभाव से बृहस्पतिवार को दिल्ली में लू की स्थिति में कमी आई।”
मौसम विभाग ने कहा है कि यह स्थिति पश्चिमी विक्षोभ के कारण बनी है और इसी कारण गुरुवार की सुबह इन राज्यों के कई इलाकों में बूंदाबांदी से लेकर मध्यम दर्जे तक बारिश रिकॉर्ड की गई है। IMD के मुताबिक, इस जलवायु दशा के कारण लोगों को प्रचंड गर्मी से राहत मिली है। ओडिशा, छत्तीसगढ़ और विदर्भ के बड़े भूभाग में भी गर्मी से जूझ रहे लोगों को बड़ी राहत मिली। मौसम विभाग ने शुक्रवार को आंशिक रूप से बादल छाए रहने तथा बारिश और धूल भरी आंधी चलने की संभावना जताई है। विभाग ने बताया कि अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमश: 40 और 29 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है।
बता दें कि सामान्य से दो दिन पहले भारतीय मुख्य भूमि यानी केरल तट पर मॉनसून के पहुंचने और कई अन्य राज्यों को तेजी से कवर करने के बाद 10 से 19 जून के बीच उसमें कोई महत्वपूर्ण प्रगति नहीं हुई थी। इससे उत्तर भारत में मॉनसून का इंतजार बढ़ गया और लोग भीषण गर्मी से जूझने लगे। बहरहाल, भारतीय मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, इस मानसून में देश में सामान्य से 17 प्रतिशत कम वर्षा हुई है। एक से 20 जून के बीच 77 मिमी वर्षा हुई, जबकि सामान्य वर्षा 92.8 मिमी होती है।
कोलकाता में मौसम विभाग ने बताया कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून उत्तर बंगाल के ज्यादातर भागों में आ गया है तथा अगले पांच दिनों में क्षेत्र में भारी बारिश की चेतावनी दी है। मौसम वैज्ञानिकों ने अगले पांच दिनों में उत्तर बंगाल के अलीपुरद्वार, कूचबिहार, जलपाईगुड़ी, कलिम्पोंग और दार्जिलिंग जिलों में एक या दो स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने का अनुमान जताया है।
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