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खरगोन की जवाहरलाल नेहरू सहकारी सूत मिल 8 दिसंबर से बंद है और 500 से ज्यादा कर्मचारी 6 माह से बेरोजगार हैं। वेतन नहीं मिलने से आर्थिक संकट में कर्मचारी जूझ रहे हैं। गुरुवार को कर्मचारियों ने सुबह 11.30 बजे बस स्टैंड क्षेत्र से निकलकर नारेबाजी करते हुए
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डिप्टी कलेक्टर सत्येंद्र बैरवा को ज्ञापन सौंपकर चेतावनी दी थी अगले तीन दिनों में मिल संचालन नहीं होता है तो भूख हड़ताल शुरू कर देंगे। उन्होंने कहा, अब आत्मदाह के अलावा कोई चारा नहीं बचा है।
डिप्टी कलेक्टर ने जल्द मिल प्रबंधन व प्रशासन स्तर पर कार्रवाई कर मिल संचालन की दिशा में पहल कर कार्रवाई का भरोसा दिया है। सूत मिल कर्मचारियों को बड़ी संख्या में देखते हुए कोतवाली टीआई बीएल मंडलोई सहित पुलिस अमला तैनात रहा।
8 कर्मचारी बीमारी से जूझ रहे
सूत मिल कर्मचारी संघ अध्यक्ष अमीचंद साधौ ने बताया कि पहले हुई बैठक में जनवरी से आधा वेतन देने पर सहमति बनी थी, लेकिन ऐसा नहीं किया। 8 कर्मचारी विभिन्न बीमारियों से जूझ रहे हैं। वेतन बंद होने से इलाज नहीं करा पा रहे हैं। परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है।
55 साल के हो गए, कौन काम देगा?
कर्मचारियों ने बताया कि 6 माह से पीएफ व अन्य ECF कटौती भी जमा नहीं हो रही हैं। अधिकांश कर्मचारी 55 साल से अधिक उम्र के हो गए हैं। अब उन्हें दूसरी जगह काम भी नहीं मिल रहा है। 6 माह में कर्मचारी पहले भी आंदोलन कर जिला सहकारिता उपायुक्त, श्रम विभाग व जिला प्रशासन को अवगत करा चुके हैं।
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