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चित्ताैड़गढ़-प्रतापगढ़ दुग्ध उत्पादक संघ में (चित्तौड़गढ़ डेयरी) बुधवार को आरोप प्रत्यारोप का दौर चला। डेयरी में राजनीति खींचतान देखने को मिली। मीटिंग में ही आए डायरेक्टरों ने एमडी पर सत्ता के दबाव में आकर काम करने का आरोप लगाया और मीटिंग का बहिष्कार
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डेयरी में बुधवार को मीटिंग रखी गई। डेयरी प्रशासन के अनुसार इसकी सूचना संचालक मंडल के सभी सदस्याें काे दी गई थीं। मीटिंग में 16 सदस्य शामिल हाेने थे, लेकिन डेयरी चेयरमैन बद्रीलाल जगपुरा सहित उनके समर्थित 6 सदस्य ही पहुंचे, शेष सदस्य नहीं पहुंचे। बीजेपी समर्थित एक भी सदस्य और कांग्रेस समर्थित दो सदस्य नहीं पहुंचे। जो सदस्य आए, उन्होंने भी मीटिंग का बहिष्कार कर दिया। इसकी बात मीटिंग को ही स्थगित कर दिया गया। चेयरमैन सहित उनके समर्थित डायरेक्टराें ने डेयरी के एमडी पर भी सत्ता के दबाव में आकर काम करने का आरोप लगाया। इधर, डेयरी प्रशासन ने सभी आरोपों को गलत बताया।
डेयरी चेयरमेन बद्रीलाल जाट ने बताया कि जो डायरेक्टर मीटिंग में आए थे उन्होंने मीटिंग से पहले एचडी से जवाब मांगा। सभी ने पूछा कि बिना वजह से राजनीतिक द्वेषता के बीएमसी समितियाें काे भुगतान क्याें नहीं किया जा रहा, जाे बीएमसी स्थापित थीं, उन्हें दूसराें काे क्याें दिया जा रहा। पुराने लाेगाें काे हटाकर मनमर्जी से किन नियमाें के तहत भर्ती किया जा रहा है। इनका जवाब नहीं मिलने के कारण उपस्थित हुए सदस्याें ने मीटिंग का बहिष्कार कर दिया।
वहीं, डेयरी एमडी सुरेश कुमार सेन ने कहा कि मीटिंग में 16 के काैरम में से 7 ही उपस्थित हुए। इसमें चेयरमैन सहित उनके पांच सदस्य और एक आरसीडीएफ और मैं स्वयं। डेयरी चेयरमैन सहित उनके समर्थित सदस्य मीटिंग में आए ताे सही, लेकिन उपस्थिति दर्ज नहीं कराई। डेयरी का संचालन नियमाें के अनुसार हाे रहा हैं, जाे आरोप लगाए जा रहे वे गलत हैं।
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