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Strawberry Moon 2024 : 21 जून को आसमान में एक दुर्लभ नजारा देखने को मिलेगा. यह दिन दुनियाभर के लिए सबसे खास साबित होने वाला है. इस दिन पूर्णिमा की रात है. भारत में भी हर महीने पूर्णिमा होती है, लेकिन विदेशों में इसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है. ज्योतिष और खगोल शास्त्र के अनुसार 21 जून का दिन जहां सबसे लंबा होगा, वहीं रात को आसमान में गजब नजारा दिखेगा. इस दिन चंद्रमा अपने पूरे शबाब पर होगा. उसकी रोशनी इतनी तेज होगी कि ऐसा लगेगा मानो दिन है. इस घटना को ‘स्ट्रॉबेरी मून’ कहा जाता है. चांद हल्के गुलाबी रंग का होगा और इस दिन से यूरोप और अमरीका में गर्मी के मौसम की शुरुआत हो जाएगी.
यूरोप महाद्वीप की नॉर्थ कंट्रीज में उगते समय चंद्रमा लाल रंग का दिखाई देगा. ऐसा होने की संभावना तब अधिक होती है, जब चंद्रमा आकाश में काफी नीचे दिखाई देता है. ऊपर चढ़ते हुए यह गुलाबी रंग का होगा. नासा ने भी इसकी पुष्टि की है. हालांकि, चंद्रमा की यह तेज रोशनी 20 जून से ही दिखनी शुरू हो जाएगी, जो 22 जून को भी नजर आएगी. गुरुवार, शुक्रवार और शनिवार को चंद्रमा पूरा दिखाई देगा.
क्या है स्ट्रॉबेरी मून?
Timeanddate.com की रिपोर्ट के अनुसार, स्ट्रॉबेरी मून का नाम अमेरिकी खगोल वैज्ञानिकों ने रखा. इसका नाम इस महीने पकने वाली जंगली स्ट्रॉबेरी से लिया गया है. जून की पूर्णिमा के लिए अन्य नामों में बेरीज रिपेन मून, ग्रीन कॉर्न मून और हॉट मून भी हैं. भारत समेत पूरे एशियाई महाद्वीप में पूर्णिमा को देखने का सबसे अच्छा समय शुक्रवार होगा. इस दौरान चंद्रमा सूर्यास्त के बाद चमकीली रोशनी लेकर आएगा. स्ट्रॉबेरी मून के दौरान चांद असाधारण रूप से बड़ा दिखाई देगा, लेकिन यह सुपरमून नहीं होगा. सुपरमून देखने के लिए अगस्त तक इंतजार करना होगा और उसके बाद लगातार 4 सुपरमून दिखाई देंगे. जून महीने की पूर्णिमा को अमेरिका की जनजातियों ने स्ट्रॉबेरी मून नाम दिया है.
हनी मून भी कहते हैं इसे
स्पेस डॉट कॉम के मुताबिक, ऐसा आमतौर पर नहीं होता है. ऐसा 19 से 20 साल में एक बार होता है. इस समय सूर्य आकाश में अपने अधिकतम बिंदु पर होगा, इसलिए चंद्रमा आकाश में नीचे दिखाई देगा और बड़ा दिखाई देगा. वहीं, कई यूरोपीय देशों में स्ट्रॉबेरी मून को हनी मून के नाम से भी जाना जाता है. इसके पीछे भी बड़ा कारण है, क्योंकि इस समय शहद के छत्ते तैयार हो जाते हैं. यह वक्त किसानों के लिए शहद निकालने का होता है, इसलिए इसे हनी मून के नाम से भी जाना जाता है.
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