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नीमकाथाना जिले में महिला बैंककर्मी की हत्या के मामले में पुलिस ने आज पति को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस उसे क्राइम सीन की जगह पर भी लेकर गई थी।
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मृतका शिखा अग्रवाल (30) की बुआ अनीता ने दावा किया कि शिखा का पति पंकज बत्रा (33) उससे एक एग्रीमेंट चाहता था। एग्रीमेंट में यह था कि वह अपनी आधी सैलरी उसकी (पंकज) मां को देगी। इसके बाद वह उसे अलवर ले जाएगा। एग्रीमेंट में पीहर से संबंध तोड़ने की बात भी लिखी थी।
नीमकाथाना डीएसपी अनुज डाल ने बताया- मंगलवार सुबह मामले को लेकर शिखा के पति पंकज को गिरफ्तार कर लिया है। उसे आखिरी बार शिखा के साथ देखा गया था। आज उसे क्राइम सीन पर भी लेकर गए थे। मामले में पूछताछ जारी है।
शिखा के घर जुटे परिवार और आसपास के लोग।
यह था मामला
सोमवार सुबह 9 बजे नीमकाथाना से 11 किलोमीटर दूर भराला मोड़ पर सड़क किनारे शिखा का शव मिला था। शिखा रविवार शाम 7 बजे पति पंकज का खाना लेकर उससे मिलने के लिए घर से 400 मीटर दूर नेहरू पार्क गई थी। पुलिस को शिखा के शव के पास खाने से भरा हुआ टिफिन भी मिला था। परिजनों ने हत्या का शक पंकज पर जताया था। इसके बाद आज पंकज की गिरफ्तारी हुई है।
पिता बोले- धमकी भरा कॉल आया था
शिखा के पिता सतीश अग्रवाल ने बताया कि मंगलवार दोपहर एक बजे धमकी भरा कॉल भी आया था। इसकी शिकायत एसपी के रीडर एएसआई बाबूलाल को दी है।
शिकायत में उन्होंने बताया कि कॉल करने वाले ने खुद को नीमकाथाना SHO बताया। फिर वह खुद को राजेंद्र चौहान एसीपी नीमकाथाना बता रहा था। उसने मोबाइल फोन पर दामाद पंकज और किसी धर्मपाल के बारे में पूछा था।
इसके बाद कहा कि मेरी बात गौर से सुनना, आपकी बच्ची का मर्डर हुआ है। उस मर्डर का शक किस पर है। जिस पर मैंने कहा कि मैंने एफआईआर में लिखवाया है, आप देख लो। इसके बाद वह बार-बार मुझसे FIR में लिखे नाम के बारे में पूछने लगा। मैंने तेज आवाज में बात की तो मुझे गिरफ्तार करने की धमकी दी।
शिखा के सामने रखी थी तीन शर्त
शिखा की बुआ अनीता ने बताया- शिखा ने रविवार शाम सवा छह बजे मेरी बेटी सोनल को फोन किया था। इस दौरान शिखा ने बताया था कि पंकज उससे इस एग्रीमेंट पर साइन चाहता है कि वह आधी सैलरी उसकी मां को देगी। साथ ही वह उसे अलवर लेकर जाएगा। इसके बाद वह अपने माता-पिता से कनेक्शन नहीं रखेगी। वह दोनों बातों के लिए राजी हो गई।
साथ ही उसने तीसरी शर्त रखी कि कल को अगर उसे (शिखा को) कुछ होता है तो उसका और उसकी मां का नाम नहीं आएगा। इस पर मेरी बेटी ने शिखा को पंकज से मिलने से रोका था। लेकिन, वह नहीं मानी और उसका खाना बनाकर ले गई।
जहां बेटी का शव मिला, वहां पिता तीन बार गए थे
पिता सतीश ने बताया- रविवार को जब बेटी घर नहीं लौटी तो उन्होंने जगह-जगह तलाश की। इस दौरान वह भराड़ा मोड़ भी गए थे। जहां तीन चक्कर भी लगाए, लेकिन अंधेरा होने की वजह से शव का पता नहीं चल सका।
पंकज और शिखा की फाइल फोटो।
चाची बोलीं- तीन दिन से लगातार मिलने बुला रहा था
शिखा की चाची मंजू गुप्ता ने बताया- कई दिनों से हमारी बेटी को परेशान किया जा रहा था। उसे दहेज के लिए प्रताड़ित किया जा रहा था। उसका पति पंकज कागज पर साइन मांग रहा था। उस पर लिखा था- अगर उसे कुछ हो जाए तो उसका और उसकी मां का नाम नहीं आएगा। तीन दिन से उसे जबरदस्ती नेहरू पार्क में बुलाया जा रहा था। पहले दिन तो पंकज नेहरू पार्क में ही मिलकर चला गया। इसके बाद अगले दिन उसे गाड़ी में झील की चौकी तक ले गया और रात को 9 बजे घर छोड़ दिया। इसके बाद तीसरे दिन उसे झील की चौकी ले गया और उसे मार दिया। साजिश में शिखा का पति, उसकी सास और नाना मिले हुए थे। साढ़े तीन महीने से बेटी हमारे यहां है। हमने कभी उससे नहीं कहा कि वह उसे लेकर जाए।
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नीमकाथाना जिले में महिला बैंककर्मी की हत्या कर शव सड़क किनारे फेंक दिया। सोमवार सुबह शव शहर से 11 किलोमीटर दूर भराला गांव मोड़ के पास मिला। महिला अपने पति से अलग रह रही थी। (यहां क्लिक करें)
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