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जूनियर समर कैंप में रंगमंच विधा के प्रतिभागियों ने मंगलवार शाम अपने अभिनय के साथ विभिन्न कहानियों को मंच पर साकार किया।
जवाहर कला केन्द्र की ओर से आयोजित जूनियर समर कैंप में रंगमंच विधा के प्रतिभागियों ने मंगलवार शाम अपने अभिनय के साथ विभिन्न कहानियों को मंच पर साकार किया। 250 से अधिक बच्चों ने एक्सपर्ट्स के जरिए रंगमंच की बारीकियां कैम्प में सीखी। 10 नाटकों का बच्चों
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ये सभी लघु नाटक एक्सपर्ट्स के निर्देशन में कक्षा के दौरान ही बच्चों ने तैयार किए।
परदा उठते ही जुगनुओं की तरह चमचमाते रंगमंच के नन्हें सितारे मंच पर आते हैं। दर्शकों के बीच में से ही बॉलीवुड के मशहूर निर्देशक आते हैं। फराह खान, साजिद खान, राजकुमार हिरानी, अनुराग कश्यप बने बच्चे बताते हैं कि जेकेके का क्रिएटिविटी लेवल ज्यादा होने की वजह से वे इंस्पिरेशन लेने यहां आए हैं। बच्चों ने अपने-अपने ग्रुप की खूबियां बताई, ग्रुप के गाने गुनगुनाए। इसके बाद एक-एक कर नाटकों का मंचन होता रहा।
बच्चों ने अपने-अपने ग्रुप की खूबियां बताई, ग्रुप के गाने गुनगुनाए।
ग्रुप प्यारे तारे, अनार के दाने, एचटूओ, ओले, देसी, चकमक, एल्जेब्रोस, पंचलाइन, तापमान और इश्तिहार ने क्रमश: महापुर का साथी, गिली गिली छू, वार्तालाप, फैमिली 2.O, यम आ, यम आ!, हवेली की चाबियां, ऑमलेट (सोने का अंडा), बिट्टू की दुल्हनियां, भयभीत, देर कर देता हूं, मैं नाटक का मंचन किया।
परदा उठते ही जुगनुओं की तरह चमचमाते रंगमंच के नन्हें सितारे मंच पर आते हैं।
थिएटर में राजू कुमार, विशाल भट्ट, गौरव कुमार, पूजा सहाय, चिन्मय मदान, अनुरंजन शर्मा, सोमेश सोढा, उमेश पंत, वृतिका धाभाई, विजय प्रजापत, उज्ज्वल प्रकाश मिश्रा, आसिफ शेर अली खान मुख्य प्रशिक्षक रहे। वहीं अरविंद सिंह चारण, कल्पना मौर्य, कमलेश कुमार बैरवा, संतोष खंडेलवाल (सक्षम), प्रवीण कुमावत, रेया माथुर, रेणु सनाढ्य, वैदेही सक्सेना ने सहायक प्रशिक्षक की भूमिका निभाई।
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