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Delhi Water Crisis: दिल्ली में जल संकट लगातार गहरा रहा है। लोगों को कामकाज छोड़कर पानी का इंतजाम करने के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है। पानी भरने के लिए लोग सुबह जल्दी उठ रहे हैं, इसकी वजह से नींद भी पूरी नहीं हो पा रही। लोगों ने कहा कि अब तो उन्हें सपने में भी पानी की लाइन नजर आने लगी है। दिल्ली जल बोर्ड की ओर से कॉलोनियों में भेजे जा रहे टैंकरों से पानी लेने के लिए सुबह पांच बजे से लाइनें लगनी शुरू हो जाती हैं। सोमवार को बकरीद के अवसर पर भी लोगों को नलों से पानी नहीं मिल सका। महिलाओं के साथ कामकाजी पुरुष और उनके बच्चे भी टैंकर आने से कई घंटे पहले कतार में नजर आए। कई इलाकों में ‘हिन्दुस्तान’ टीम ने जायजा लिया तो यह हालात सामने आए…
टैंकर आने से ढाई घंटे पहले कतार लगी
गीता कॉलोनी, पुस्ता रोड
पुस्ता रोड गीता कॉलोनी में बकरीद पर लोगों ने त्योहार मनाने की तैयारी बाद में की, पहले पानी भरने के लिए कतार में लग गए। ढाई घंटे लाइन में लगने के बाद टैंकर आया तो 40-50 लीटर पानी जुटा पाए। लोगों ने यहां सुबह पांच बजे से ही लाइनें लगानी शुरू कर दी थी। छह बजे तक कतार में करीब 250 लोग पहुंच चुके थे। सुबह साढ़े सात बजे दिल्ली जल बोर्ड का टैंकर पहुंचा तो पानी भरने के लिए मारामारी मचने लगी। हालांकि, त्योहार को देखते हुए जल बोर्ड ने यहां लगातार दो टैंकर पानी भेजा। कॉलोनी निवासी शबनम ने बताया कि त्योहार मनाने के लिए ज्यादा पानी की जरूरत थी, इसलिए अपने साथ बच्चों को भी सुबह साढ़े पांच बजे लाइन में लगा दिया था। पानी मिला तो जरूर, लेकिन वह पर्याप्त नहीं था।
प्रतिदिन परिवार के एक सदस्य की ड्यूटी लग रही
मटियाला रोड, नन्हे पार्क
पश्चिमी दिल्ली के प्रमुख इलाकों में शामिल मटियाला क्षेत्र भी पानी की किल्लत से जूझ रहा है। यहां हर घर से एक शख्स की ड्यूटी सिर्फ पानी भरने के लिए लगाई गई है। लोग तड़के चार बजे उठकर ही पानी की मोटर चलाकर आपूर्ति का इंतजार करते हैं। मटियाला एक्सटेंशन के रहने वाले चेतन यादव बताते हैं कि पानी आने का अब कोई समय नहीं रह गया है। शाम को पांच बजे भी कभी पानी आता है तो कभी नहीं। ज्यादा देर तक मोटर चलाए रखने पर कई बार गंदा और बदबूदार पानी आने लगता है। सुबह के समय पानी साफ रहने की सबसे ज्यादा संभावना रहती है। इसके चलते आमतौर पर लोग तड़के चार बजे का अलार्म लगाकर उठते हैं और मोटर चलाते हैं।
पाइप लाइन टूटी है पर कोई सुनता नहीं
बेगमपुर
बेगमपुर इलाके में एक माह से पानी की पाइप लाइन टूटी है। स्थानीय लोगों ने बताया कि विभाग को कई बार कॉल की गई, पर सुनवाई नहीं हो रही है। वहीं, पानी के टैंकर के लिए कॉल करते हैं, लेकिन कई दिनों तक टैंकर का इंतजार करना पड़ता है। एक महीने पहले नालों के मरम्मत कार्य की वजह से पानी की लाइन टूट गई थी। इस वजह से समस्या और बढ़ गई है।
टैंकर से पानी मिले तो खाना बनेगा
आया नगर
आयानगर के इलाकों में रहने वाले लोग पानी की किल्लत से परेशान हैं। हालत यह है कि कई बार तो खाना बनाने के लिए भी घंटों तक पानी के टैंकर का इंतजार करना पड़ता है। यहां कुछ ब्लॉक तो ऐसे हैं, जहां कई-कई दिनों तक पानी नहीं आता है। यहां रहने वाली गृहिणी सुनीता ने बताया कि जब पानी का टैंकर आता है तो उस पर लोगों की भारी भीड़ जमा हो जाती है।
नहाने और सफाई तक की परेशानी
रजोकरी गांव
रजोकरी गांव में पानी की किल्लत लगातार बढ़ती रही है। सुबह पांच से छह बजे के बीच ही टैंकर कॉलोनी में आ जाता है। कई बार टैंकर नहीं भी आ पाता है, जिससे पूरा दिन नहाने, साफ-सफाई और अन्य रोजमर्रा के कामों के लिए पानी नहीं मिल पाता है। रजोकरी गांव के छोले वाली गली के निवासियों ने बताया कि घर के एक सदस्य की ड्यूटी पानी भरने के लिए लगा दी जाती है।
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