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हाईकोर्ट की बेंच ने इस मामले में नाबालिग की इच्छा को तरजीह देते हुए कहा कि कानून का मकसद बाल कल्याण को प्राथमिकता करना है। बच्चे ने स्वयं कहा है कि वह साढ़े 14 साल का है और दसवीं कक्षा का छात्र है।
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हाईकोर्ट की बेंच ने इस मामले में नाबालिग की इच्छा को तरजीह देते हुए कहा कि कानून का मकसद बाल कल्याण को प्राथमिकता करना है। बच्चे ने स्वयं कहा है कि वह साढ़े 14 साल का है और दसवीं कक्षा का छात्र है।
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